नई दिल्ली: अगर कोई महिला के खिलाफ सोशल मीडिया पर अश्लील या भद्दे कमेंट या पोस्ट करता है, तो उसे सजा हो सकती है। भारत में हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस अधिकार का इस्तेमाल करके किसी को भी कुछ भी बुरा कह दिया जाए। सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ लोग अब बिना किसी जवाबदेही के किसी भी चीज़ को सार्वजनिक रूप से कह देते हैं।
महिलाओं के खिलाफ अश्लील टिप्पणियां या पोस्ट करना कानूनन अपराध है। हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस विषय पर फैसला सुनाया है। अगर कोई महिला के खिलाफ सोशल मीडिया पर अश्लील या अपमानजनक टिप्पणी करता है, तो उसे सजा हो सकती है।
सोशल मीडिया पर महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाना कानूनन जुर्म
21 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक मामला आया, जिसमें महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप लगे थे। जस्टिस एएस गडकरी और नीला गोखले की बेंच ने कहा कि अगर सोशल मीडिया पर लिखे गए शब्द किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, तो यह आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध है।
इस मामले में एक महिला ने आरोप लगाया था कि एक व्यक्ति ने साउथ मुंबई की एक सोसायटी में उसके खिलाफ आपत्तिजनक ईमेल भेजे थे। इन ईमेल में महिला के चरित्र पर टिप्पणी की गई थी और इन्हें सोसायटी के अन्य लोगों को भी भेजा गया था।
आईपीसी की धारा 509 के तहत कार्रवाई
इस मामले में आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की, जिसमें उसने कहा कि आईपीसी की धारा 509 के तहत सिर्फ बोले गए शब्दों के आधार पर कार्रवाई हो सकती है, सोशल मीडिया पोस्ट या ईमेल पर नहीं। कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 509 के तहत सोशल मीडिया या मेल पर लिखे गए अपमानजनक शब्द भी कानूनन जुर्म हैं।
सजा की संभावनाएं
आईपीसी की धारा 509 के तहत, अगर किसी पर आरोप साबित हो जाता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है और 3 साल तक की जेल हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इसलिए सोशल मीडिया और मेल पर किसी के खिलाफ अपमानजनक या अश्लील बातें लिखने से बचें, क्योंकि यह कानूनन अपराध है और इसकी गंभीर सजा हो सकती है।