आप भी सलमान की तरह कर सकते हैं बोन मेरो डोनेट, जानें क्या है प्रोसेस ?
पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर सलमान खान के बोन मेरो डोनेशन से जुड़ी न्यूज काफी वायरल हो रही है। हालांकि यह खबर कई समय पुराने की है। खबर यह है कि सलमान ने कुछ साल पहले एक बच्ची को बोन मेरो डोनेट किया है। ऐसा करके सलमान इंडिया के पहले बोन मेरो डोनर बन गए हैं।
जब आखिरी समय में पीछे हटे लोग
साल 2010 में एक छोटी बच्ची की जान बचाने के लिए सलमान खान ने अपनी बोन मेरो डोनेट की थी। मेरो डोनर रजिस्ट्री इंडिया (MDRI) में उन्होंने बोन मेरो डोनेट करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। अपनी नेक दिली के लिए सलमान उस वक्त काफी चर्चा में थे। 2010 की एक रिपोर्ट के अनुशार MDRI के बोर्ड मेंबर रहे डॉक्टर सुनील पारिख ने ये खबर कंफर्म की थी और उन्होंने बताया था बीमारी से पीड़ित के घर वाले और मैं सलमान खान को आगे आने और हमारे मुद्दे को उठाने के लिए धन्यवाद देता हूं।
चार साल पहले,सलमान ने एक छोटी सी बच्ची पूजा के बारे में पढ़ा,जिसे बोन मेरो ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। उन्होंने अपनी पूरी फुटबॉल टीम से बोन मैरो दान करने के लिए कहा लेकिन दुख की बात है कि सभी आखिरी समय पर पीछे हट गए। सिर्फ सलमान और उनके भाई अरबाज ही दान करने के लिए आगे बढ़े और पहले दाता बने।
ट्रांसप्लांट का प्रॉसेस क्या है ?
बोन मेरो ट्रांसप्लांट प्रोसेस कई स्टेप्स में होते हैं। सबसे पहले, मरीज को हाई डोज की कीमोथैरेपी या रेडिएशन थेरपी दी जाती है, ताकि उनके शरीर का मौजूदा बोन मेरो समाप्त हो जाए। इसके बाद,डोनर से प्राप्त स्वस्थ बोन मैरो कोशिकाओं को मरीज के शरीर में डाला जाता है। ट्रांसप्लांट के बाद, मरीज को विशेष देखभाल और निगरानी की आवश्यकता होती है ताकि किसी भी संभावित समस्या को जल्दी से संभाला जा सके और डोनर की कोशिकाएं सही तरीके से काम करने लगें।
बोन मेरो ट्रांसप्लांट का खर्च कितना होता है?
भारत में बोन मेरो ट्रांसप्लांट की लागत कई चीजों पर निर्भर करती है, जैसे ट्रांसप्लांट टाइप,अस्पताल और जगह इसके अलावा भी कुछ फैक्टर्स हैं। यह मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा फाइनैंसियल बोझ बन सकता है,जिसमें डोनर की जांच,टेस्ट, अस्पताल में भर्ती होना,दवाइयां और बाद की देखभाल के खर्च शामिल होते हैं। हालांकि कुछ ट्रांसप्लांट सेंटर्स सहायता कार्यक्रम या बीमा कवर के विकल्प प्रदान कर सकते हैं। जिससे इस आर्थिक बोझ को कम करने में मदद मिलती है।
ट्रांसप्लांट सेंटर्स :
भारत में बोन मेरो ट्रांसप्लांट के लिए सेंटर्स बढ़ रहे हैं। खासकर बड़े शहरों जैसे मुंबई,दिल्ली,चेन्नई और बेंगलुरू में इनकी अच्छी खासी संख्या है। ये सेंटर्स आधुनिक सुविधाओं, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और एक्सपीरियंस डॉक्टर्स मुहैया करवाते हैं।
भारत में बोन मेरो डोनर कैसे बनें:
1. डोनर रजिस्ट्रेशन में अपना नाम रजिस्टर करें:
– पहले आपको एक बोन मेरो डोनर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर जाकर पंजीकरण करना होगा।
2. क्या है योग्यता
– यह जानें कि डोनर बनने के लिए आपको कौन-कौन सी शर्तें पूरी करनी होंगी, जैसे उम्र, स्वास्थ्य, आदि।
3. व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करें:
– रजिस्ट्रेशन के दौरान अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम,पता और संपर्क विवरण भरें।
4. HLA टाइपिंग के लिए सैंपल दें:
– आपकी HLA टाइपिंग के लिए खून का सैंपल लिया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपकी कोशिकाएं रिसिपिएंट के लिए उपयुक्त हैं या नहीं।
5. मैच होने का इंतजार करें:
– आपकी टाइपिंग के बाद आपको एक संभावित मरीज के साथ मैच होने तक का इंतजार करना होगा।
6. दान देने की इच्छा की पुष्टि करें:
– यदि आपका मैच कर जाता है, तो आपको अपनी इच्छा की पुष्टि करनी होगी कि आप दान देने के लिए तैयार हैं।
7. बोन मेरो सेल्स दान करें:
– डोनेशन के दिन आपके बोन मेरो से कोशिकाएं निकाली जाएंगी या खून से स्टेम सेल निकाले जाएंगे,जो कि एक चिकित्सा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
8. फॉलोअप और सहायता:
– दान के बाद आपके स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी और जरूरत पड़ने पर हर तरह की सहायता प्रदान की जाएगी।
डोनर अवेयरनेस :
पिछले कुछ वर्षों में,भारत में बोन मेरो ट्रांसप्लांट की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इस दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे डोनर रिक्रूटमेंट,शिक्षा और प्रचार। अलग -अलग सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने बोन मेरो दान को बढ़ावा देने,डोनर ड्राइव आयोजित करने और डोनर स्क्रीनिंग प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए काफी काम किया है।
किस बॉडी पार्ट को कर सकते है डोनेट?
अंगदान में शरीर के कुछ ऑर्गन्स और टिश्यू को दान किया जा सकता है।
– हृदय (Heart)
– गुर्दे (Kidneys)
– फेफड़े (Lungs)
– पैंक्रियास(Pancreas)
– यकृत (Liver)
– आंत्र(Intestines)
– कॉर्निया(Corneas)
– त्वचा(Skin)
– टेंडन(Tendons)
– हड्डी(Bone)
– तंत्रिका (Nerve)
– हृदय के वाल्व(Heart Valves)