हाल में पेरिस ओलिंपिक 2024 का समापन हुआ। इस खेल महाकुंभ में एक बात जो हर भारतीय को अखड रही है, वह है पहलवान विनेश फोगाट का ओवर वेट होने के कारण मेडल से चूक जाना। महिला कुश्ती के 50 किलो भार वर्ग के फाइनल में विनेश फोगाट ने जगह पक्की की थी, लेकिन मात्र 100 ग्राम ओवरवेट होने कारण उनको डिसक्वालिफाइ करार दिया गया। जिससे भारत को पदक से महरूम रहना पड़ा। आज हम कुश्ती की बात इस लिए कर रहे हैं क्योंकि जमशेदपुर में भी भारत का सबसे पुराना दंगल मौजूद है। जिसका एक गौरव शाली इतिहास है।
जमशेदपुर में कहां होती है कुश्ती
कदमा स्थित गणेश पूजा मैदान से सटे बृज मंगल सिंह अखाडा बिहार-झारखंड का सबसे पुराना अखाडा है। जहां आज भी दंगल लगता है और पहलवान कुश्ती करते है। इस अखाड़े में देशी स्टाइल में कुश्ती होती है जो कुश्ती का मूल प्रारूप है। मंगल सिंह अखाड़ा 1954 में स्थापित हुआ था. अगर अखाड़े के इतिहास की बात करें तो दिवंगत पहलवान बृज मंंगल सिंह जब, आर्मी 164 रेजिमेंट आल्ट्री से जमशेदपुर आए तो उन्होंने टाटा अपरेंटिस जॉइन किया। उन्होंने जमशेदपुर में कुश्ती की शुरुआत की। वर्ष 1960 और 70 के दशक के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित पहलवान जैसे दारा सिंह, जो उस समय बॉलीवुड के हंक भी थे, गुलाम मुहम्मद जो गामा पहलवान के नाम से जाने जाते थे और मेहरो सिंह जिन्हें मेहरो पहलवान और 1970 के हिंद केसरी के नाम से जाना जाता था। इन सभी अंतर राष्ट्रीय स्तर के पहलवानों ने भी कदमा अखाडे में प्रदर्शनी मुकाबलों में भाग लिया है। साथ ही उन सभी सूरमा पहलवानों ने यहां पर अभ्यास भी किया। राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पहलवान रहे बृज मंगल सिंह के बेटे मुन्ना ने बताया कि आज भी इस अखाडे में रोजाना अभ्यास होता है। उन्होंने पुराने दिन को गर्व से याद करते हुए कहा कि जब करीब 50 हट्टे-कट्टे पुरुष सुबह और देर शाम दो शिफ्टों में बॉडी बिल्डिंग और पहलवानी का अभ्यास करते थे तब के दिन सुनहरे दिन थे। बड़े बड़े पहलवान शहर आते थे। लेकिन हाल के दिनों में कुश्ती की लोकप्रियता कम हुई है। लेकिन विनेश फोगाट और अमन शेहरावत के पेरिस ओलिंपिक 2024 में दमदार प्रदर्शन के बाद इस खेल की लोकप्रियता के लौटने की उम्मीद है।
गंगा की मिट्टी से तैयार होता है दंगल
अखाड़े से पहले गंगा की मिट्टी, हल्दी, सरसों तेल, नीम पत्ता और हर्बल पदार्थ से दंगल तैयार किया जाता है। जिससे खिलाडियों को चोट लगने पर इंफेकशन न हो. यहां पर खिलाडेयों को नियमित रूप से ट्रेनिंग दी जाती है। दस साल से उपर आयु वर्ग के बच्चे यहां आकर नि:शुल्क रूप से ट्रेनिंग कर सकते हैं। इसके अलावा आधुनिक कुश्ती को ध्यान में रखते हुए अखाडे में एक हॉल का निर्माण किया गया है। जहां पर मैट लगाया जायेगा और लडिकियों को भी विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी। हर वर्ष मंगल सिंह अखाडा में 25 मई को ऑल इंडिया ओपन कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन होता है। इसमें देश भर के नामी पहलवान शिरकत करते हैं। इस प्रतियोगिता में अभी तक साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत, दीपक दहिया, राजन, मोनू पहलवान समेत कई अन्य पहलवान हिस्सा ले चुके हैं