क्यों चढ़ाया जाता है शिवलिंग पर 108 बेल पत्र
सनातन धर्म के अनुसार श्रावण मास भोलेनाथ का महीना माना जाता है। इस माह में भगवान शिव और माता पार्वती की निष्ठा पूर्वक पूजा की जाती है। प्रति सोमवार लोग शिव मंदिर जाकर भक्त बेल पत्र, फूल, फल, आदि से शिव जी की पूजा करते हैं।
आखिर शिव जी की पूजा में गंगाजल और बेल पत्र ही क्यों इस्तेमाल होता है
पौराणिक मान्यताओं की माने तो, कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन के समय देव आदि देव महादेव ने विष का पान किया था। उनका कंठ पूर्ण रूप से नीला पड़ गया था और उन्हें काफी पीड़ा हो रही थी। इस पीड़ा को दूर करने के लिए देवी और दानवों ने उन्हें गंगाजल से स्नान कराया था और बेल पत्र अर्पित किया था जिससे उनकी पीड़ा कम हो गई। कहा जाता है तभी से ये प्रथा चली आ रही है।
क्या होता है शिवलिंग पर 108 बेल पत्र चढ़ाने से?
* अगर शीघ्र विवाह की कामना कर रहे हैं, तो कहा जाता है 108 बेल पत्र पर चंदन लगाकर यदि शिवलिंग पर चढ़ाया जाए तो आपकी कामना काफी जल्दी पूरी होती है।
* यदि सेहत से जुड़ी तकलीफ सता रही हो और 108 बेल पत्रों को चंदन में डुबोकर शिवलिंग पर चढ़ाया जाए तो सेहत में काफी सुधार होता है।
* यदि 108 बेल पत्रों में चंदन से राम नाम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाया जाए तो भगवान शिव और राम जी दोनो का आशीर्वाद मिलता है।
यदि बेल पत्र अर्पित करते वक्त इस मंत्र का जाप किया जाए तो फल काफी लाभकारी होते हैं:
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम् ।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्।।