मुंबई : टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और समाजसेवी रतन टाटा का 9 अक्टूबर की देर रात निधन हो गया. अपनी दानवीरता और व्यवसायिक नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उनकी लीडरशिप में टाटा संस ने वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी. टाटा ट्रस्ट के जरिए उन्होंने समाज सेवा में भी अहम योगदान दिया. सादा जीवन और उच्च विचार वाले रतन टाटा ने जीवनभर शादी नहीं की, और उनके निधन के बाद यह सवाल उठता है कि टाटा ग्रुप की बागडोर अब किसके हाथ में होगी.
टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी कौन ?
रतन टाटा के कोई संतान नहीं है, और इस कारण उनके उत्तराधिकारी को लेकर कई चर्चाएं होती रही हैं. उनके 3800 करोड़ रुपये के साम्राज्य को कौन संभालेगा, इस पर कई नाम सामने आ रहे हैं. फिलहाल टाटा संस के चेयरमैन पद पर 2017 से एन. चंद्रशेखरन हैं, लेकिन अन्य संभावित उत्तराधिकारियों में भी चर्चा जारी है.
नोएल टाटा: सबसे प्रमुख दावेदार
रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ग्रुप की बागडोर संभालने के सबसे मजबूत दावेदारों में गिना जा रहा है. नोएल, रतन टाटा के पिता नवल टाटा की दूसरी शादी से जन्मे हैं, और पारिवारिक संबंधों के चलते उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है.
नोएल टाटा के बच्चे: माया, नेविल और लीह टाटा
नोएल टाटा के तीन बच्चे – माया, नेविल और लीह टाटा – भी टाटा ग्रुप के संभावित उत्तराधिकारी माने जा रहे हैं.
– माया टाटा (34) टाटा ग्रुप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और Tata Digital में उच्च पद पर हैं.
– नेविल टाटा (32) Star Bazaar के मुखिया हैं और फैमिली बिजनेस में रुचि रखते हैं.
– लीह टाटा (39) टाटा ग्रुप के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और ताज होटल्स की विस्तार योजना का नेतृत्व कर रही हैं.
टाटा ग्रुप का भविष्य
रतन टाटा के निधन के बाद टाटा ग्रुप की बागडोर संभालने के लिए नोएल टाटा और उनके बच्चे सबसे प्रबल उम्मीदवार माने जा रहे हैं. अब देखना होगा कि टाटा ग्रुप का यह साम्राज्य किस दिशा में आगे बढ़ता है.