जमशेदपुर : आजकल फिट दिखने और रहने का एक ट्रेंड चल रहा है. हर कोई फिट रहने के लिए जिम रहा है या डाइटिंग कर रहा है. लेकिन वजन घटाने और फिट रहने के लिए डाइटिंग का सही तरीका क्या है ? पहले लोग बिना सही तरीका जानें वजन घटाने के लिए डाइटिंग तो कर लेते हैं और फिर इस चक्कर में उनका शरीर कमजोर होने लगता है. क्योंकि वजन घटाने के लिए डाइटिंग की नहीं बल्कि सही डाईट की जरुरत होती है.
सही डाईट का क्या मतलब है और यह वजन घटाने में कैसे मदद करती है ? क्या डाइटिंग से शरीर कमजोर हो जाता है ? ऐसे सवालों की Padhega India को जानकारी दे रहीं हैं डाइटिशियन सुष्मिता सिंह.
क्या है सही डाइट ?
सही डाइट को लेकर डाइटिशियन सुष्मिता सिंह का कहना है कि सही डाइट का मतलब है कि बेसिक 5 फूड ग्रुप्स यानी कि गेंहू, दाल, फ्रूट्स, सब्जी और दूध. वहीं नॉन वेज में मीट और मीट प्रोडक्ट्स, फैट्स एंड ऑयल. अगर आप इन पांचों का उपयोग रोजना की डाइट में उचित अनुपात में कर रहे हैं तो इसे प्रॉपर डाइट कहा जाता है. इस डाइट में 60 प्रतिशत गेंहू या मोटे अनाज, 20 से 30 प्रतिशत दाल, 10 प्रतिशत दूध या मीट, और कुछ प्रतिशत फैट्स होने चाहिए. अगर आप इसे अनुपातिक ले रहे हैं तो यह एक हेल्दी डाइट है.
डाइटिंग से शरीर होता है कमजोर ?
इसको लेकर डाइटिशियन सुष्मिता ने कहा कि वजन घटाने से शरीर कमजोर नहीं होता है, बल्कि जो तरीका वजन घटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है उससे शरीर जरूर कमजोर हो सकता है. अगर आप अपनी बेसिक मेटाबोलिक की आवश्यकता से भी कम की डाइट लेते हैं तो यह आपके शरीर को कमजोर बना सकता है. इसलिए ऐसे में डाइटीशीयन की सलाह के अनुसार एक प्लान किया हुआ डाइट लेना फायदेमंद रहेगा. इसके साथ ही आपका शरीर कमजोर नहीं होगा.
कम खाने से पड़ते हैं शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव
कम खाने की वजह से हेयर फॉल, स्किन की चमक में कमी, चिड़ाचिड़ापन, काम में मन नहीं लगना और नींद अधिक आ सकती है. इससे साफ पता चलता है कि शरीर में एनर्जी की कमी हो गई है. इसके साथ ही अगर आप वजन कम कर रहे हैं तो वो भी एक समय में रुक जाता है. इसके साथ ही कम खाने से मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है. आपको सुस्ती महसूस हो सकती है. ऐसा बहुत ही लो कैलरी डाइट प्लान में होता है. इसलिए इस तरह की डाइट को डॉक्टर्स और डाइटीशीयन की सलाह के अनुसार ही अमल में लाएं. वहीं ऐसी डाइट कुछ ही समय के लिए होती है. अचानक वजन कम करने के लिए इस तरह के डाइट प्लान दिए जाते हैं. ऐसी डाइट को कभी भी खुद से प्लान नहीं करना चाहिए.
वजन घटाने के लिए करें नियमित समय और मात्रा का प्रयोग
खाने को लेकर कभी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर समय से कर लेना चाहिए. आजकल लोगों की लाइफस्टाइल के खराब होने की वजह से ही बीमारियां हो रही हैं. सुबह ब्रेकफास्ट के समय हमारा मेटाबॉलिज्म एक मीडियम रेंज पर होता है. इसलिए ब्रेकफास्ट एक मीडियम प्लान होना चाहिए. लंच के समय सूर्य की रौशनी भी अपनी चरम सीमा पर होती है, ठीक उसी तरह हमारे शरीर में भी गर्मी अधिक होती है. इसलिए इस समय अगर हम न्यूट्रिशनली प्लान्ड हेवी डाइट लेते हैं तो वह पच जाता है. वहीं जब सूरज ढलता है तो उसकी एनर्जी कम होती है, ठीक इसी प्रकार आपको अपनी डिनर लाइट रखनी चाहिए यानी कि रात में भोजन कम करना चाहिए. अगर इस तरह डाइट फॉलो की जाए तो वजन कम करना आसान हो जाता है.
इस तरह अनहेल्दी लाइफस्टाइल में लाएं सुधार
अनहेल्दी लाइफस्टाइल में सुधार लाने के लिए डाइट के अलावा टाइम मैनेजमेंट बहुत जरुरी है. एक्सरसाइज, काम और भोजन सभी में टाइम मैनेजमेंट बहुत ही आवश्यक है. इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटी भी बहुत जरुरी है. वहीं पर्याप्त मात्रा में पानी पीने वाले लोग अक्सर अपने काम की वजह से पानी पीना भूल जाते हैं. पानी भी डाइट के समकक्ष ही अपना रोल प्ले करता है. इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आप अपने 24 घंटे में कम से कम 2 घंटे फिजिकल एक्टिविटी के लिए जरूर निकालें। इससे आप फिट रह सकते हैं.