नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर ‘द लिवर डॉक’ के नाम से मशहूर डॉ. एबी फिलिप्स और जोहो कॉरपोरेशन के को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू के बीच हाल ही में नंगे पांव घास पर चलने के लाभों को लेकर एक तीखी बहस छिड़ गई है। श्रीधर वेम्बू ने लगभग एक साल तक अपने खेत में नंगे पांव चलने के अपने अनुभव को साझा किया और इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया। उनका कहना था कि ग्राउंडिंग, यानी मिट्टी पर नंगे पांव चलने, से पृथ्वी की ऊर्जा से जुड़ने का लाभ मिलता है और यह एक सरल और मुफ्त तरीका है स्वास्थ्य सुधारने का।
ग्राउंडिंग से फायदे के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं
इसके विपरीत, डॉ. एबी फिलिप्स ने इसे ‘स्यूडोसाइंटिफिक’ करार दिया और कहा कि ग्राउंडिंग के लाभों की कोई ठोस वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है। उनका कहना था कि यह एक ऐसी प्रैक्टिस है जिसे लोग सालों से मानते आ रहे हैं, लेकिन इसके पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है। डॉ. मार्क अल्बर्स, मेसाचुसेट्स हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन, ने भी इस विषय पर अपनी राय दी है। उन्होंने बताया कि ग्राउंडिंग के फायदे शायद प्राकृतिक वातावरण में समय बिताने से होते हैं, न कि सीधे तौर पर पृथ्वी से संपर्क से।
ग्राउंडिंग से रीबैलेंस होती है शरीर की ऊर्जा
ग्राउंडिंग के समर्थक यह मानते हैं कि हमारी शरीर की इलेक्ट्रिकल ऊर्जा जब पृथ्वी से जुड़ती है, तो वह रीबैलेंस हो जाती है और इस प्रक्रिया से स्वास्थ्य लाभ होते हैं। हालांकि, वैज्ञानिक रूप से इस दावे की पुष्टि नहीं हो पाई है। डॉ. अल्बर्स का कहना है कि प्रकृति में समय बिताने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को फायदा हो सकता है, लेकिन यह दावा करना कि ग्राउंडिंग बीमारियों को रोक सकती है या ठीक कर सकती है, तर्कसंगत नहीं है।
ग्राउंडिंग की कुछ सामान्य तकनीक हैं जैसे समुद्र के किनारे नंगे पांव चलना, गार्डनिंग करना, या ट्रैकिंग के लिए जाना। ये गतिविधियाँ हमें भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर ले जाती हैं और मानसिक शांति प्रदान कर सकती हैं। हालांकि, ग्राउंडिंग करते समय सावधानी भी बरतनी चाहिए, खासकर अगर आपको पैरों में इन्फेक्शन या एलर्जी की समस्या है।
इस प्रकार, ग्राउंडिंग के लाभों और जोखिमों पर विचार करते हुए यह कहा जा सकता है कि जबकि इस पद्धति के बारे में वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, प्राकृतिक वातावरण में समय बिताना निश्चित रूप से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।