ट्रेनी आइएएस पूजा खेडकर सेलेक्शन यूपीएससी ने कर दिया रद, जानें अब क्या होगा
नई दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सीएसई- 2022 नियमों के उल्लंघन के आरोप में पूजा को दोषी पाया गया है। पूजा को पिछले साल आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में 841 वीं रैंक मिली थी। इसके बाद पूजा खेडकर को आइएएस के पद के लिए चयनित करते हुए उसे ट्रेनिंग के लिए पुणे भेजा गया था। पुणे में पूजा ने अधिकारियों के सामने कई मांगें रखीं। अपने लिए वाहन की मांग की। नहीं मिलने पर अपनी ऑडी गाड़ी में ही नीली बत्ती लगा ली। एक अन्य अधिकारी के दफ्तर पर कब्जा कर वहां अपना बोर्ड लगा दिया। इसके बाद मामले में डीएम से शिकायत हुई। डीएम ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से शिकायत की। तब मामले की उच्चस्तरीय जांच हुई और पूजा खेडकर आरोपी पाई गई हैं। इसी के बाद उनकी यूपीएससी का सेलेक्शन रद किया गया है।
आरोपों के अनुसार, पूजा ने अपनी उम्र में गलत जानकारी दी थी और माता-पिता की जानकारी भी बदल दी थी। इसके अलावा, उन पर तय सीमा से अधिक बार यूपीएससी के सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने का आरोप भी लगाया गया था। UPSC ने दोष प्रमाणित करते हुए इस मामले की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि पूजा ने नियमों का उल्लंघन किया है। इसके परिणामस्वरूप, उसकी चयनिता को रद्द कर दिया गया है। पूजा 2023 बैच की ट्रेनी IAS हैं और वह जून 2024 से अपनी प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हो गई थीं।
दो बार समय देने के बावजूद उन्होंने जवाब नहीं दिया
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बताया कि सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन के आरोप में पूजा को दो बार समय दिया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। UPSC ने बताया कि पूजा ने पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेज के एग्जाम दिए थे। उसके बाद, 18 जुलाई को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देने का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने 4 अगस्त तक दस्तावेज जुटाने का समय मांगा। आयोग ने बताया कि पूजा को 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस अवसर का जवाब नहीं दिया।
खेडकर के मामले के चलते 15,000 डेटा की हुई जांच
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने खेडकर मामले के मामले में 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक बार रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की है। इस जांच में पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने सिविल सेवा परीक्षा नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं किए थे। मामले में शामिल पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर ने अपने नाम और माता-पिता के नाम को बदलकर कई बार परीक्षा दी थी। इसके बाद UPSC ने अपनी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर को मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू की है।
ऑडी कार में आई पूजा ने सीनियर अप्सर को धमकाया
पुणे में ट्रेनिंग लेने के दौरान पूजा पर सुविधाएं मांगने का आरोप लगा था। उनपर एक सीनियर अधिकारी के चैंबर पर कब्ज़ा करने का भी आरोप सामने आया था। पूजा ने अपनी निजी ऑडी कार में नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का नेमप्लेट भी लगाया था। बाद में उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था। जांच के बाद पता चला कि पूजा ने UPSC में सेलेक्सन पाने के लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए थे।
पूजा ने बनवाए थे कई विकलांगता प्रमाणपत्र
पूजा के बहुत से विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। पूजा ने 2018 और 2021 में अहमदनगर के हॉस्पिटल से दो विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाए थे। इन दोनों को भी यूपीएससी को सौंपा गया था। विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए पूजा ने दिल्ली के एम्स से कई बार अपॉइंटमेंट लिया था। बाद में पूजा ने प्राइवेट हॉस्पिटल में बने रिपोर्ट्स को UPSC में जमा किया था।