नई दिल्ली : ICMR के एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि बेरोज़गार दिल की बीमारियों के खतरे से अधिक जूझते हैं। इस अध्ययन के मुताबिक, उच्च रक्त शर्करा और बेरोज़गारी जैसे फैक्टर दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाते हैं। इस अध्ययन में लगभग 4,500 वयस्कों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से आधे लोग 40-49 साल की उम्र के थे। डेटा सर्वे और प्रश्नावली के माध्यम से इकट्ठा किया गया, जिसमें WHO के द्वारा विकसित प्रश्नावली भी शामिल थी।
महिलाओं में होता है अधिक जोखिम
अध्ययन के अनुसार, 85% प्रतिभागियों को दिल की बीमारियों का बहुत कम खतरा था। वहीं, 14.5% को मध्यम खतरा था और 1% को उच्च खतरा था। अध्ययन में यह भी पाया गया कि पुरुषों में दिल की बीमारियों का 10% से अधिक जोखिम महिलाओं की तुलना में दो गुना अधिक था। उच्च रक्त शर्करा वाले लोगों में महिलाओं को दिल की बीमारियों का 85% अधिक जोखिम और पुरुषों को 77% अधिक जोखिम था। मोटापे वाले लोगों में भी जोखिम अधिक था, जहां मोटे लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा 71% महिलाओं और 55% पुरुषों में अधिक पाया गया।
शहरी इलाकों में दिल की बीमारी का खतरा अधिक
शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को दिल की बीमारियों का खतरा ग्रामीण इलाकों के मुकाबले अधिक था। शहरी महिलाओं में दिल की बीमारियों का 10 साल का खतरा ग्रामीण महिलाओं की तुलना में 86% अधिक पाया गया। अध्ययन ने यह भी बताया कि बेरोज़गार लोगों को दिल की बीमारियों का जोखिम बहुत अधिक है। जहां 87-88% कर्मचारियों और गृहणियों को कम जोखिम था, वहीं बेरोज़गार लोगों में केवल 54% को ही कम जोखिम माना गया। यह अध्ययन भारत में दिल की बीमारियों के जोखिम का राष्ट्रीय अनुमान लगाने वाला पहला अध्ययन है और इससे पहले के अध्ययन केवल स्थानीय क्षेत्रों पर आधारित थे।