यूएन एकेडमी ने 250 कर्मचारियों की कर दी छंटनी, नौकरी से निकाला
नई दिल्ली : प्रतियोगी परीक्षाओं की आनप लाइन तैयारी कराने वाली कंपनी यूएन एकेडमी कंपनी ने 250 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। कंपनी ने इन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कंपनी दो साल में 4000 से अधिक कर्मचारियों को बाहर कर चुकी है। यूएन एकेडमी साफ्ट बैंक बैक्ड एडटेक कंपनी है। यूएन एकेडमी ने जिन 250 कर्मचारियों को बाहर निकाला है, उनमें से 100 कर्मचारी बिजनेस डेवलेपमेंट व मार्केटिंग सेक्शन में काम कर रहे थे। जबकि, बाकी के 150 कर्मचारी सेल्स डिपार्टमेंट में थे। बताया जा रहा है कि कंपनी अपना ढांचा पुनर्गठित करने जा रही है। इसी के चलते ये छंटनी हुई है। यूएन एकेडमी का कहना है कि कंपनी को पुनर्गठित करने का काम बेहद जरूरी है। इसी वजह से ऐसा किया जा रहा है। कंपनी का कहना है कि कंपनी के लक्ष्य और विजन के लिए पुनर्गठन का काम बेहद जरूरी हो गया है।
यूएन एकेडमी में चल रहा छंटनी का दौर
पिछले दो साल में यूएन एकेडमी 4000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है। यही नहीं, कंपनी के सह संस्थापक व चीफ टेक्नोलॉजी आफिसर ने अपनी भूमिका भी बदल दी है। वह अब कंपनी के सलाहकार के रोल में हैं। कंपनी में कुल कर्मचारियों की संख्या 6000 से अधिक थी। अब यहां सिर्फ 2000 के करीब कर्मचारी बचे हैं। बाकी सभी को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।
2015 में हुई थी कंपनी की स्थापना
यूएन एकेडमी कंपनी की स्थापना साल 2005 में हुई थी। कंपनी की वैल्यूएशन 28 हजार 379 करोड़ रुपये है। इस कंपनी को हिमेश सिंह, गौरव मुंजाल, और रोमन सैनी ने स्थापित किया था। अब तक कंपनी ने 877 मिलिनयन डालर का फंड जुटाया है। यानि, 7318 करोड़ रुपये का फंड जुटाया गया है। बाईजूस व वेंदांतू के बाद यूएन एकेडमी तीसरे नंबर की कंपनी है। यूएन एकेडमी के 1.3 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। इसके पहले यूएन एकेडमी ने 30 मार्च को 12 प्रतिशत कर्मचारियों को कंपनी से निकाल दिया था। वित्तीय साल 2021-22 में कंपनी को 2848 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। यानि, पिछले साल की तुलना में कंपनी के घाटे में 85 फीसद की बढोतरी हुई थी। साल 2020-21 में कंपनी का घाटा 1537 करोड़ रुपये था। साल 2022 में कंपनी का राजस्व किुल 719 करोड़ रुपये था।
तीन साल पहले कंपनी ने जुटाया था। 440 मिलियन डालर का फंड
कंपनी ने अगस्त साल 2021 में टेमासेक जनरल अटलांटिक व अन्य कंपनियों से 440 मिलिनयन डालर यानि 3672 करोड़ रुपये फंड जुटाया था। तब कंपनी की वैल्यूएशन 3.4 बिलियन डालर यानि 28 हजार 379 करोड़ रुपये थी। कंपनी के सह संस्थापक गौरव मुंजाल का कहना है कि कंपनी को दोबारा मुनाफा कमाने वाली पटरी पर लाने के लिए कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। उनका कहना है कि एक बार कंपनी मुनाफे में आ गई तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। उनका कहना है कि वह यूजर्स और शेयर होल्डर्स के लिए कंपनी को प्राफिटेबल बनाना चाहते हैं। इसीलिए ये कदम उठाया जा रहा है। आजकल विश्व अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार है। फंड की कमी है।