न्यूयॉर्क: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। अपने वार्षिक भाषण में उन्होंने गजा युद्ध पर जोरदार टिप्पणी की, लेकिन कश्मीर का जिक्र नहीं किया। यह साल 2019 के बाद पहली बार है जब एर्दोगान ने इस मंच पर कश्मीर मुद्दे से किनारा किया है, जबकि पिछले चार वर्षों में उन्होंने इसे बार-बार उठाया था।
इस बीच, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कश्मीर और वहां हो रहे चुनावों का मुद्दा उठाने के लिए तैयार हैं। एर्दोगान ने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की तुलना हिटलर से की।
विश्लेषकों का मानना है कि तुर्की को भारत की मदद की आवश्यकता है, खासकर BRICS का सदस्य बनने के लिए। यदि भारत ने सहयोग नहीं किया, तो तुर्की का रास्ता कठिन हो जाएगा। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की कश्मीर पर उठाई गई आवाज को और कमजोर कर दिया है, जबकि तुर्की और पाकिस्तान के बीच मित्रता का रिश्ता मजबूत बना हुआ है।