उपन्यास के ‘सम्राट’ प्रेमचंद की वो कहानियां, जिसे जरूर पढ़ी जानी चाहिए..
Munshi Premchand Birth Anniversary 2024: हिंदी उपन्यास के ‘सम्राट’ कहे जाने वाले मुंशी प्रेमचंद की आज 144वीं जयंती है। हिंदी व उर्दू उपन्यासकार प्रेमचंद साहित्य जगत में क्रांति लाने के भी लिए पहचाने जाते हैं। हिंदी भाषा को एक नई दिशा देने के साथ-साथ उन्होंने अपने लेखन से समाज में भी कई बदलाव किए हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि जब-जब इतिहास के साहित्य की बात होगी, तो प्रेमचंद का नाम टॉप लिस्ट में शुमार होगा।
31 जुलाई 1880 में यूपी के लमही में जन्में प्रेमचंद ने 15 नॉवेल्स, 300 से ज्यादा कहानियां, तीन नाटक, 10 अनुवाद, सात बाल पुस्तकें और कई लेखों की रचना की। जाने-माने राइटर दिव्यप्रकाश दूबे, जिन्होंने अपने नॉवेल से यंगस्टर्स के बीच हिंदी को कूल बनाया है, वो आज हमसे इस खास मौके पर मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई उनकी पंसदीदा कहानियों को शेयर करते हैं।
मंत्र
डॉक्टर चड्ढा और संपेरे के बीच की यह कहानी यही संदेश देती है कि हमें अमीर-गरीब के साथ समान व्यवहार करना चाहिए तथा दूसरों के सुख-दुख में समान रूप से भागीदार होना चाहिए। यह कहानी की सीख यह भी है कि अच्छाई, जो है वो कभी पीछा नहीं छोड़ती है।
ईदगाह
ईदगाह हामिद नाम के एक चार साल के अनाथ की कहानी है, जो अपनी दादी अमीना के साथ रहता है। कहानी के नायक हामिद ने हाल ही में अपने माता-पिता को खो दिया है। यह बाल मनोविज्ञान को गहनता से दर्शाती है। इस कहानी को पढ़कर ज्ञात होता है कि परिस्थितियां उम्र नहीं देखती और एक छोटा सा बालक भी विषम परिस्थितियों में समय से पहले परिपक्व हो जाता है।
गोदान
गोदान औपनिवेशिक शासन के अंतर्गत किसान का महाजनी व्यवस्था में चलने वाले निरंतर शोषण तथा उससे उत्पन्न संत्रास की कथा है। गोदान का नायक होरी एक किसान है जो किसान वर्ग के प्रतिनिधि के तौर पर लड़ाईयां लड़ता है।
दो सखियां
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें दो सहेलियों की बातचीत को लेटर्स के का रूप देकर कहानी को परोसा गया है। यह नारी प्रधान की यह कहनी ऐसी दो सहेलियों की है जिन में एक पति के प्रेम को शक की नजर से देखती रही और अंततः उस का प्रेम खो बैठी जबकि दूसरी ने न केवल पति बल्कि उस के रूठे हुए परिवार को भी अपना बना लिया।