नई दिल्ली: भगवान कृष्ण की पूजा में हमेशा चढ़ाया जाने वाला पंचामृत किसी दवा से कम नहीं है। चलिए जान लेते हैं पंचामृत की गुणवत्ता। भगवान कृष्ण को कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं, इसमें सबसे महत्वपूर्ण चीज़ पंचामृत है। पंचामृत को भगवान के चरणों में रखा जाता है। इससे वह चरणामृत बन जाता है। चरणामृत की धार्मिक मान्यता के साथ साथ वैज्ञानिक विशेषता भी है।
कैसे बनता है चरणामृत
चरणामृत को दूध, दही, घी, मिश्री और शहद को मिलाकर बनाया जाता है। चरणामृत खाने के अनेक फायदे होते हैं। इससे मिलने वाले फायदे हमारे सेहत के लिए अच्छा होता है।
पाचन के लिए लाभदायक है चरणामृत
चरणामृत पीना आपके पेट और पाचनतंत्र के लिए लाभदायक माना जाता है। इसमें दही का इस्तेमाल होता है। इसमें प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो हमारे पाचन क्रिया को मजबूत बनाते हैं। इससे हम पेट की समस्याओं से भी बचे रहते हैं।
हड्डियों को मजबूत करने में कारगर है
चरणामृत हमारे हड्डियों को मजबूत करने में भी कारगर साबित होता है। इसमें दूध का इस्तेमाल होता है, जो कि कैल्शियम का स्रोत माना जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी 12 और प्रोटीन भी पाया जाता है।
सेवन से खत्म होती है थकान
चरणामृत का सेवन करने से कमज़ोरी और थकान से राहत मिलती है। इससे शरीर को एक ऊर्जा मिलती है। चरणामृत पीने से इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिससे शरीर की रोगप्रतिरोध क्षमता भी बढ़ती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं।