नीट काउंसलिंग में ये 7 गलतियां कर देंगी सारी मेहनत बर्बाद, जानें क्या करें और क्या नहीं करें
नई दिल्ली: नीट परीक्षा में कितने नंबर पर सरकारी कॉलेज मिलता है ? कितने नंबर पर एमबीबीएस की सीट मिलती है ? इन सवालों के जवाब कुछ हद तक इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि नीट काउंसलिंग की प्रक्रिया किस प्रकार पूरी की गई है ? एक छोटी सी गलती डॉक्टर बनने के सपने पर पानी फेर सकती है। करियर एक्सपर्ट के फाउंडर गौरव त्यागी ने ऐसी 7 गलतियां बताईं जो बच्चे आमतौर पर नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान करते हैं। इन्हें समझ लें ताकि आपसे ऐसी गलती ना हो।
स्टेट कोटा को न करें नज़रअंदाज़
नीट काउंसलिंग में स्टेट कोटा आरक्षण की अनदेखी से बचें।
नीट काउंसलिंग में स्टेट कोटा और आरक्षण के नियम हर राज्य में अलग-अलग होते हैं। इन नियमों को सही से समझना और लागू करना महत्वपूर्ण है। यदि आप स्टेट कोटा आरक्षण को नजरअंदाज करते हैं, तो आप उन अवसरों को खो सकते हैं जिनके लिए आप योग्य हो सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपने राज्य के नियमों को ध्यान से पढ़ें और यदि आवश्यक हो तो विशेषज्ञ की सलाह लें।
मेडिकल कॉलेज और कोर्स पर अधूरी रिसर्च से बचें
नीट काउंसलिंग के दौरान मेडिकल कॉलेज और कोर्स का चयन करते समय पूरी रिसर्च करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कई छात्र सही जानकारी के बिना कॉलेज और कोर्स का चयन कर लेते हैं, जिससे बाद में निराशा हो सकती है। सुनिश्चित करें कि आप कॉलेज के प्रोफेसर, सुविधाओं, प्रतिष्ठा और पिछले वर्षों के कटऑफ के बारे में अच्छी तरह से जान लें।
पूर्व छात्रों से फीडबैक प्राप्त करके और कॉलेज की वेबसाइट पर जाकर जानकारी इकट्ठा करें। इससे आपको अपने लिए सही मेडिकल कॉलेज और कोर्स चुनने में मदद मिलेगी।
च्वाइस फिलिंग में प्राथमिकता तय करना महत्वपूर्ण
नीट यूजी काउंसलिंग के दौरान च्वाइस फिलिंग करते समय कॉलेजों और पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिना सोच-विचार के विकल्प भरने पर आपको ऐसा कॉलेज या कोर्स मिल सकता है जो आपकी इच्छाओं और उम्मीदों के अनुरूप नहीं हो।
सुनिश्चित करें कि आप अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार विकल्प भरें और केवल उन्हीं कॉलेजों और पाठ्यक्रमों को चुनें जो आपकी पढ़ाई और करियर की दिशा में सहायक हो। इससे आप अपने लिए सबसे उपयुक्त स्थान प्राप्त कर सकेंगे।
नीट काउंसलिंग में दस्तावेजों की पूर्णता सुनिश्चित करें
नीट काउंसलिंग के दौरान मनपसंद सीट मिल जाने के बावजूद दस्तावेज़ों की कमी आपके चयन को प्रभावित कर सकती है। वेरिफिकेशन के समय यदि आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, तो आपकी सीट कैंसिल हो सकती है।
सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी जरूरी कागजात मौजूद हों, जैसे नीट एडमिट कार्ड, डोमिसाइल सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), और NEET स्कोरकार्ड। एक चेकलिस्ट बनाकर सभी दस्तावेजों को क्रॉस वेरिफाई करें ताकि सत्यापन प्रक्रिया में कोई समस्या न आए।
सर्विस शर्तों और मेडिकल बॉंड को अनदेखा न करें
नीट काउंसलिंग के दौरान कुछ मेडिकल कॉलेजों में एक बॉंड एग्रीमेंट होता है, जिसमें ग्रेजुएट्स को एक निश्चित समय तक किसी विशेष राज्य या क्षेत्र में सेवा देने की शर्त होती है। इस शर्त को अनदेखा करने से भविष्य में समस्याएं हो सकती हैं।
कोई भी निर्णय लेने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपने बॉंड की शर्तों को पूरी तरह से पढ़ा और समझा है। यह जानकारी आपके भविष्य की योजना और करियर विकल्पों पर प्रभाव डाल सकती है।
डेट और फेज पर ध्यान दें
नीट काउंसलिंग प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण चरण होते हैं, जिनमें रजिस्ट्रेशन, च्वाइस फिलिंग, सीट अलॉटमेंट और कॉलेज में रिपोर्टिंग शामिल हैं। प्रत्येक चरण की एक निश्चित समय सीमा होती है। यदि आप इनमें से किसी भी लास्ट डेट को चूक जाते हैं, तो आप अपनी सीट खो सकते हैं। इन महत्वपूर्ण तिथियों की एक लिस्ट अपने सामने चिपकाकर रखें और सुनिश्चित करें कि सभी प्रक्रियाएं समय पर पूरी हों। अंतिम समय तक किसी भी कार्य को टालने से बचें, क्योंकि तकनीकी समस्याओं के कारण चांस मिस हो सकते हैं।