नीट-यूजी का रिएग्जाम नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला
नई दिल्ली : नीट-यूजी का रिएग्जाम नहीं होगा। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी की परीक्षा रद करने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस परीक्षा में व्यापक गड़बड़ी के सुबूत नहीं मिले हैं। इसलिए परीक्षा को रद नहीं किया जाएगा। दोबारा परीक्षा नहीं कराई जाएगी। चीफ जस्टिस ने कहा है कि इस परीक्षा में जो गड़बड़ी हुई है, उससे दागी परिक्षार्थियों को चिन्हित किया जाए। इन दागी परिक्षार्थियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जो भी स्टुडेंट इस फ्रॉड में शामिल होगा, उसे आगे कभी एडमिशन नहीं दिया जाएगा। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। बाद में यह आदेश सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आगे की कोई डेट नहीं दी है।
आज पांचवीं बार हुई सुनवाई
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पांचवीं बार सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि पेपर लीक के ठोस सुबूत के बिना रिएग्जाम का फैसला नहीं दिया जा सकता। हो सकता है कि सीबीआइ की जांच के बाद तस्वीर बदल जाए मगर, अभी जो स्थिति है उसी के अनुसार निर्णय सुनाया जाएगा। इस मामले में चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में एनटीए, केंद्र सरकार और सीबीआइ से हलफनामा मांगा था। चार दिनों तक सुनवाई की गई। सीबीआइ के एडिशनल डायरेक्टर कृष्णा का भी पक्ष सुना गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद ही फैसला सुरक्षित रखा गया है। इस फैसले का असर 23 लाख स्टुडेंट पर पड़ेगा।
पटना के प्ले स्कूल से मिला था पेपर
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने जांच की थी। बिहार पुलिस को पटना के एक प्ले स्कूल से नीट का जला हुआ पेपर मिला था। बाद में जांच में पता चला कि यह पेपर झारखंड के हजारीबाग के एक परीक्षा केंद्र ओएसिस स्कूल का था। इसके बाद बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने हजारीबाग जाकर परीक्षा केंद्र के संचालक से पूछताछ की थी। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई। इसके बाद सीबीआइ ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में छापामारी की। यहां से सीबीआइ ने स्कूल प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और एक अन्य युवक को गिरफ्तार किया और उसे पटना ले गई। धनबाद से अमन सिंह नामक एक युवक को भी गिरफ्तार किया गया था। सीबीआइ ने भी कई बदमाशों को पेपर लीक गैंग का माफिया बताकर गिरफ्तार किया गया है।
लोकसभा की मतगणना वाले दिन जारी किया गया था रिजल्ट
नीट-यूजी की परीक्षा पांच मई को हुई थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन ही इसका रिजल्ट घोषित कर दिया गया था। इसकी आलोचना भी हुई थी। बाद में पता चला था कि कुछ लोगों को इतने मार्क्स मिले है जो नीट-यूजी के अंक पैटर्न पर खरे नहीं उतरते। इसके बाद एनटीए ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि 1500 से अधिक स्टुडेंट को ग्रेस मार्क दिए गए हैं। ग्रेस मार्क दिए जाने की बात सामने आते ही बवाल शुरू हो गया। लोगों ने इसकी आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ग्रेस मार्क रद कर दिए गए और जिनको यह मार्क दिए गए थे उनका रिएग्जाम हुआ और मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। इसके पहले बिहार पुलिस यह साबित कर चुकी थी कि नीट-यूजी की परीक्षा में पेपर लीक हुआ है। जबकि, एनटीए ऐसा मानने के लिए तैयार नहीं थी।