जेलों की स्थिति
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में कुल 1319 जेलें संचालित हो रही हैं। इस व्यापक नेटवर्क के बावजूद, 2021 तक इन जेलों की क्षमता 4,25,609 कैदियों की है। हालांकि, 31 दिसंबर 2021 तक, जेल में बंद कैदियों की वास्तविक संख्या स्वीकृत क्षमता से काफी अधिक हो गई है, जो 5,54,034 तक पहुंच गई है।
जेल के बुनियादी ढांचे में असमानता
जेल के बुनियादी ढांचे में क्षेत्रीय असमानता की बात सामने आ रही है। गोवा सबसे कम संख्या में जेलों की मेजबानी करता है। दिल्ली में स्थित तिहाड़ जेल न केवल भारत की सबसे बड़ी जेल है, बल्कि दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी सुधार सुविधा भी है। 1957 में स्थापित, तिहाड़ जेल 400 एकड़ में फैलाी है और इसमें 9 केंद्रीय जेल हैं, जो 5200 कैदियों को रखने में सक्षम हैं।
कैदियों के पीछे सरकार का खर्च
भारत में 2019-20 के वित्त वर्ष में जेलों पर कुल 5,958 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, जिसमें कैदियों पर 2061 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सबसे अधिक खर्च भोजन पर हुआ है, जो लगभग 48% का हिस्सा बनता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र जेलों पर सर्वाधिक खर्च करने वाले राज्यों के रूप में उभरे हैं।
दिनचर्या और स्वास्थ्य
तिहाड़ जेल में बंद कैदियों की दिनचर्या उन्हें फिट और स्वस्थ रहने में मददगार साबित हो रही है। उनकी दिनचर्या में सुबह की चाय, नाश्ता, लंच, दोपहरी चाय और डिनर शामिल है। इसके अलावा, कैदियों को योग, एक्सरसाइज और प्राणायाम का अभ्यास करने का मौका भी मिलता है, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
विचाराधीन कैदियों की संख्या
भारत में विचाराधीन कैदियों की संख्या बढ़कर चार लाख के पार पहुंच गई है। गृह मंत्रालय के अनुसार, 31 दिसंबर 2020 को देशभर में कुल 3,71,848 कैदी ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक दोषी साबित नहीं किया गया है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या में विचाराधीन कैदी हैं, जिनकी संख्या 80,557 है। बिहार और मध्य प्रदेश भी उच्च संख्या वाले राज्यों में शामिल हैं।
भारतीय जेलों के प्रकार
भारतीय जेलों में भीड़भाड़ एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है, जो आपराधिक न्याय प्रणाली में प्रणालीगत चुनौतियों को दर्शाती है। भारत में जेलों के कई प्रकार हैं, जिनमें केंद्रीय जेल, जिला जेल, उप जेल, महिला जेल, खुली जेल, बोर्स्टल-शाला, विशेष जेल और अन्य जेल शामिल हैं।
जेलों की संख्या और कैदियों की कुल संख्या
भारत में कुल 1,306 जेलें हैं, जिनमें 4.72 लाख कैदी हैं, जिसमें 4.53 लाख पुरुष और 19 हजार 81 महिला कैदी शामिल हैं। जेल प्रणाली के अनुसार, इन 1,306 जेलों में 145 केंद्रीय जेल, 413 जिला जेल, 565 उप जेल, 88 खुली जेल, 44 विशेष जेल, 29 महिला जेल, 19 बोरस्टल स्कूल और 3 अन्य जेल शामिल हैं।
प्रमुख समस्याएं
भारतीय कारागारों में अत्यधिक भीड़, अन्यायपूर्ण व्यवहार और असंतोषजनक रहन-सहन की समस्याएँ गहराती जा रही हैं।
जेल में 12 घंटे का दिन
जेल में 12 घंटे का दिन माना जाता है, और अगले 12 घंटे को दूसरा दिन। इसका मतलब है कि जेल में रात और दिन को अलग-अलग गिना जाता है।
कैदियों की कमाई
दोषी कैदियों को जेल परिसर के भीतर उनके काम के लिए पारिश्रमिक दिया जाता है। विभिन्न कार्यों में लगे कैदियों को उनके कौशल स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है – कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल।
कैदियों का वेतन
विभिन्न राज्यों में कैदियों का वेतन अलग-अलग होता है। जैसे, पुडुचेरी में कुशल अभियुक्तों को प्रतिदिन 180 रुपये, अर्ध-कुशल अभियुक्तों को 160 रुपये और अकुशल अभियुक्तों को 150 रुपये दिए जाते हैं। वहीं, दिल्ली के तिहाड़ में कुशल अभियुक्तों को 171 रुपये, अर्ध-कुशल अभियुक्तों को 138 रुपये और अकुशल अभियुक्तों को 107 रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं।
निष्कर्ष
भारतीय जेलों की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकारी और कानूनी प्रणाली संगठनों के बीच साझेदारी की आवश्यकता है। यह समाधान के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
सुधार के उपाय
समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रमुख सुधारों में शामिल हैं:
- सुविधाओं का विस्तार: जेलों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार और सुधार।
- स्वास्थ्य सेवाएँ: कैदियों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर सेवाओं का प्रावधान।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: कैदियों को शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
- कानूनी सहायता: विचाराधीन कैदियों को त्वरित न्यायिक सहायता प्रदान करना।
इन सुधारों के माध्यम से भारतीय जेल प्रणाली को अधिक प्रभावी और मानवीय बनाया जा सकता है।