कुरियर कंपनी के साथ रहता है पेपर लीक गैंग का साठगांठ, डिजिटल लॉकर को खराब कर आड़ी से निकाल लिया जाता है पेपर
नीट की परीक्षा ने भारत के एग्जामिनेशन सिस्टम की पोल खोल दी है. पेपर लीक गैंग के माफिया ने ना सिर्फ देश के युवाओं का मनोबल तोड़ा है, बल्कि भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को भी गटर में डालने की पूरी तैयारी कर ली थी. इतना कुछ हुआ लेकिन केंद्र सरकार कह रही है कि नीट में ऑल इज वेल है. पेपर लीक ही नहीं हुआ. अब सवाल यह उठता है कि आखिर जब पेपर लीक ही नहीं हुआ तो पुलिस को देख कर हजारीबाग में जिस पेपर को देख कर जला दिया गया था, वह पेपर कहां से आया. ये वह सवाल है जो एनटीए के साथ ही केंद्र सरकार को भी कटघरे में खड़ा करता है.
नीट की परीक्षा को लेकर हर तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन, नीट को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा किया गया है. भले नीट में गड़बड़ी को लेकर अभी देश में प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन नीट की परीक्षा में पेपर लीक होने वाला है, इसकी चेतावनी विजेंद्र गुप्ता नामक एक शख्स ने बाकायदा एक वीडियो बना कर दिया था. उसके वीडियो को यूट्यूब पर 24 मार्च को ही अपलोड किया था. इस वीडियो में उसने कहा कि बिहार का एक पेपर लीक माफिया विशाल चौरसिया जेल में बंद है. उसने बिहार पुलिस भर्ती का प्रश्न पत्र लीक किया था. हालांकि, जेल जाने के बाद भी वह नहीं सुधरा और अब वह जेल में रह कर ही यूजी नीट के पेपर लीक करने की योजना बना रहा है.
विजेंद्र गुप्ता के वीडियो को यू ट्यूब पर अपलोड करने वाले युवक ने कहा कि विजेंद्र गुप्ता का उसके पास फोन आया था. जिसमें उसने कहा कि विजेंद्र गुप्ता ने उससे मुलाकात की थी, इस मुलाकात में उसने बताया कि विशाल चौरसिया ही पेपर लीक का मास्टरमाइंड है. वही पेपर लीक का माफिया है. उसके गैंग में कई सदस्य हैं. भले ही वह अभी जेल में है. लेकिन, वह यूजी नीट का पेपर भी लीक करने वाला है.
डिजिटल लॉकर को खराब कर निकाला जाता है पेपर
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि पेपर लीक करने के खेल में प्रिंटिंग प्रेस वालों के साथ सेटिंग नहीं रहती है. विशाल गैंग प्रिंटिंग प्रेस का इस्तेमाल नहीं करता है, बल्कि कुरियर सर्विस के कर्मचारियों से सेटिंग कर पेपर लीक किया जाता है. उसने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस से कुरियर सर्विस के लोग पेपर को बॉक्स में भरते हैं और फिर ट्रक में लोड कर एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं. जब यह पेपर एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जाते हैं, तभी इसे लीक कर लिया जाता है. प्रिंटिंग प्रेस का ही कोई सदस्य ट्रक की जानकारी गिरोह के सदस्यों को देता है और फिर वे लोग रास्ते में चलती ट्रक पर चढ़ कर पेपर लीक करते हैं. विजेंद्र गुप्ता ने बताया था कि पेपर लेकर जाने वाले सभी लोहे के बक्सों को सील कर दिया जाता है. इस पर जो डिजिटल लॉक लगा होता है उसमें टाइमर सेट होता है. परीक्षा शुरू होने से कुछ समय पहले यह बॉक्स खुद ब खुद खुल जाते हैं. लेकिन, इनमें से कुछ बॉक्स के साथ धांधली की जाती है. मसलन, अगर एक ट्रक में 100 बॉक्स लोड हैं. तो 99 बॉक्स पर डिजिटल लॉक लगाया जाता है. एक बॉक्स का डिजिटल लॉक जानबूझ कर खराब कर दिया जाता है. इसी बॉक्स से पेपर लीक हो जाता है, और जिस बॉक्स से पेपर लीक होता है वह जब केंद्र पर पहुंचता है तो वह खुद ब खुद नहीं खुल पाता. क्योंकि, उसके साथ रास्ते में छेड़छाड़ होती है और ऐसे ही बॉक्स को आड़ी से काटकर उसका पेपर निकल जाता है. इस बार नीट की परीक्षा में हरियाणा के झज्जर के विजय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बॉक्स काटकर पेपर निकाले गए थे. यहां से पेपर निकालने के बाद उसे संगठित रूप से देश के अलग-अलग राज्यों में गैंग के सदस्यों तक पहुंचा दी जाती है. वे छात्रों के अभिभावकों से संपर्क करते हैं. जिनसे डील हो जाती है उन्हें पेपर पहले ही उपलब्ध करवा दी जाती है. इतना ही नहीं,जिनसे-जिनसे डील होती है उन सभी विद्यार्थियों से कुछ नकद राशि पहले ले ली जाती है. इसके बाद उन्हें परीक्षा से ठीक पहले वाली रात किसी सुरक्षित स्थान पर सवाल के जवाब रटवाए जाते हैं. इस दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम रहते हैं. नीट यूजी के जले हुए पेपर हजारीबाग में किराए के एक मकान से पुलिस ने बरामद किए. यही नहीं आरोपियों के नाम पोस्ट डेटेड चेक भी बरामद हुए हैं. इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. गिरफ्तार लोगों में एमबीबीएस कर रहे सॉल्वर भी शामिल हैं. जो 13 लोग गिरफ्तार हुए हैं उनमें चार अभ्यर्थी यह कबूल कर चुके हैं कि उन्हें नीट एग्जाम से 4 घंटे पहले पेपर और इसके आंसर मिल गए थे. इसका उन्होंने प्रिंट आउट निकाल लिया था और रटना शुरू किया. सभी विद्यार्थी पहले से मिले सवालों के जवाब रट कर परीक्षा देने पहुंच जाते हैं और रियल मेरिट पर डाका डालते हैं.
टाइमलाइन
- 5 मई नीट यूजी का एग्जाम जिसमें 24 लाख छात्र हुए शामिल।
—- 6 मई एनटीए ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर पेपर लीक से किया इनकार।
-17 मई सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगाने की याचिका की सुनवाई। रिजल्ट होल्ड करने से कर दिया माना।
— 1 जून नीट यूजी पेपर लीक और एग्जाम में गड़बड़ियों के खिलाफ याचिका दायर
–4 जून नीट ने रिजल्ट किया जारी। 67 स्टूडेंट बने टॉपर।
– 8 जून एक ही सेंटर से 6 टॉपर्स। कई छात्रों को 719 और 718 नंबर मिलने से गड़बड़ी का हुआ खुलासा। देश भर में प्रदर्शन, एनटीए ने ग्रेस मार्क देने की बताई बात। जांच के लिए पैनल के गठन का किया ऐलान
– 9 जून- एनटीए की ग्रेस मार्क्स पॉलिसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर। काउंसलिंग पर रोक लगाने और री एग्जाम की मांग।
– 11 – एससी ने सुनवाई के बाद काउंसलिंग पर रोक लगाने से किया इनकार. एनटीए से मांगा जवाब।
– — 12 जून नीट यूजी एक्जाम विवाद की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग।
– 13 जून सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस मार्क्स को लेकर हुई सुनवाई। 1563 उम्मीदवारों के लिए 23 जून को दोबारा परीक्षा करने का फैसला
– 14 जून- सुप्रीम कोर्ट में नीत यूजी पेपर लीक कांड की सीबीआई से जांच की मांग।
– 15 जून- बिहार में पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने तीन जिलों से साल्वर गैंग से जुड़े लोगों को किया गिरफ्तार।
– 16 जून- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने माना एनटीए से हुई गड़बड़ी
– 18 जून सुप्रीम कोर्ट ने कहा .001% भी लापरवाही हुई तो हो करवाई।
– – 19 जून- एससी ने मामले की सीबीआई जांच की सुनवाई का फैसला किया सुरक्षित.
– 20 जून- मेघालय के कैंडिडेट्स ने टाइम लास की वजह से 1563 कैंडिडेट्स के साथ री एग्जाम में शामिल होने के लिए दायर की याचिका।
– 22 जून- एससी में एग्जाम कैंसिल करने पेपर लीक की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग।
– 23 जून नीत यूजी रिएग्जाम संपन्न। हटाए गए एनटीए चीफ। सीबीआई को सौंपी गई मामले की जांच। 24 जून सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर