नीट परीक्षा में पेपर लीक मामले ने केंद्र सरकार की मंशा पर उठाए सवाल, हल्के में लिया जा रहा बड़ी परीक्षा की धांधली का मामला
जमशेदपुर: नीट परीक्षा में पेपर लीक मामले ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। नीट परीक्षा में जैसे ही पेपर लीक का मामला सामने आया सरकार से जुड़े लोग मामले की जांच कराने के बजाय इसे दबाने में जुट गए थे। बिहार में नीट के जले हुए पेपर मिलने के बावजूद सरकारी अमला यही राग अलापता रहा कि कहीं कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। अभी तक सरकार यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि नीट परीक्षा के पेपर लीक हुए हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बिहार पुलिस को नीट का पेपर मुहैया कराने में आनाकानी कर रही है। सरकार यही कहती फिर रही है कि नीट की परीक्षा अच्छे माहौल में हुई है। लेकिन, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पूरे मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की पोल खोल के रख दी है।
अब तक सामने नहीं आई हैं पेपर लीक की बड़ी मछलियां
माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं नीट परीक्षा के दोषियों को बचाने की कवायद चल रही है। क्योंकि अभी तक पेपर लीक मामले में जो भी गिरफ्तारियां हुई हैं वह सिर्फ प्यादे हैं। पेपर लीक मामले की बड़ी मछलियां अभी तक सामने नहीं आई हैं, कि आखिर यह पेपर कैसे लीक हुआ।
मामले में संदिग्ध है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की भूमिका
पेपर लीक के इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पूरी तरह सवालों के घेरे में है। जिस तरह पेपर बांटने में देर का बहाना लेकर अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क दिए गए। उसने पूरी परीक्षा का मजाक बना कर रख दिया। ग्रेस मार्क देकर लोगों को टॉपर बनाया गया। कहते हैं कि गलत करने वाला कोई ना कोई सबूत छोड़ जाता है। इस मामले में भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से ऐसा ही हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ लोगों को 718 और 719 अंक मिले जो कि नीट परीक्षा के पैटर्न से अलग हैं। इसी से मामला पकड़ में आ गया। लोगों ने सवाल करना शुरू किया कि आखिर उम्मीदवार को 718 और 719 अंक कैसे मिले। इस सवाल के जवाब में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बचाव की मुद्रा में आई और उसने ग्रेस मार्किंग से संबंधित जो जवाब दिया उससे पूरे परीक्षा प्रणाली की पोल खुल गई।
केंद्र सरकार ने नहीं लिया अब तक कोई बड़ा एक्शन
इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भी कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया है। हाईलेवल कमेटी बनाने की बात पर विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ लीपापोती हो रही है। बिहार पुलिस की जांच प्रक्रिया भी अब धीमी पड़ गई है। अब तक मास्टरमाइंड पकड़ में नहीं आए हैं। पेपर मुहैया कराने वाले युवक भी गिरफ्त से बाहर हैं।
केंद्र सरकार नहीं रोक पा रही पेपर लीक मामले
इधर बीच देश में पेपर लीक के कई मामले हुए हैं। लेकिन, केंद्र सरकार इन मामलों को नहीं रोक पा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है। आखिर, केंद्र सरकार परीक्षा प्रणाली को लेकर गंभीर क्यों नहीं हो रही है।
टाइमलाइन बता रही सब कुछ पूर्व नियोजित था
नीट परीक्षा से जुड़े कई मामलों की टाइमलाइन का अध्ययन करने से पता चलता है कि
पेपर लीक का यह पूरा मामला पूर्व नियोजित था। 14 जून को इसका रिजल्ट आना था। लेकिन, लोकसभा की चुनाव की मतगणना के दिन रिजल्ट यह सोच कर जारी किया गया कि पूरे देश का ध्यान लोकसभा चुनाव की मतगणना पर है। नीट के परिणाम पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं जाएगा। यही नहीं, नीट में रजिस्ट्रेशन की डेट जिस तरह कई बार बढ़ाई गई। उससे भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी सवालों के घेरे में है।