1840 में माओरी चीफ व ब्रिटिश फोर्स के बीच हुए समझौते को बदलने का विरोध
न्यूजीलैंड में आदिवासी समुदाय में उबाल आ गया है। आदिवासी समुदाय माओरी ने न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया है। इस विरोध प्रदर्शन में 42 हजार से अधिक आदिवासियों ने हिस्सा लिया। आदिवासी समुदाय के लोग हाथों में लकड़ी के पारंपरिक हथियार लिए हुए थे और सरकार के विरोध में नारे लगा रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन में आदिवासी समुदाय की रानी नगा वाय होनू भी शामिल हुईं। नगा वाय होनू इसी साल सितंबर में रानी बनी हैं। उन्हें उनके पिता के निधन के बाद सितंबर में ही ताज पहनाया गया है। रानी के सलाहकार गिरा सिमांड्स का कहना है कि सरकार इस समझौते को लेकर एकतरफा फैसला नहीं कर सकती।
सरकार में शामिल कट्टरपंथी एसीटी पार्टी का कहना है कि 1840 में माओरी समुदाय और ब्रिटिश फोर्स के बीच हुआ यह समझौता अब प्रासंगिक नहीं है। यह समझौता अब न्यूजीलैंड के बहुसांस्कृतिक आयाम से मैच नहीं खाता। इसलिए इसको बदला जाना चाहिए। जबकि, माओरी समुदाय के नेताओं और वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना है कि यह बिल माओरी समुदाय के अधिकारों का हनन करता है। बताया जाता है कि यह समझौता 540 माओरी चीफ और ब्रिटिश फौज के बीच हुआ था।
एसीटी पार्टी न्यूजीलैंड की संसद में एक बिल लाई है। यह बिल पेश किया गया तो माओरी पार्टी की सांसद हाना ने इस बिल को फाड़ दिया। अगले दिन ही हुए विरोध प्रदर्शन में यह सांसद भी शामिल हुईं। हाना ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने संसद में इस बिल को फाड़ दिया था। वह 24 घंटे के लिए सस्पेंड कर दी जातीं। संसद में नहीं घुस पातीं। मगर, यह प्रोटेस्ट की वजह से वह बच गई हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बिल को किसी कीमत पर पास नहीं होने देंगी।