नीट-यूजी पेपर लीक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं की बहस और सरकार व एनटीए के अधिकारियों के बयान के आधार पर सुप्रीम कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि नीट-यूजी का पेपर बैंक के स्ट्रांगरूम में रखे जाने से पहले ही लीक हो गया था। तभी यह परीक्षा वाली तारीख पांच मई से एक दिन पहले चार मई को ही पेपर लीक गैंग के हाथ लगा था और इसे साल्व कराने के बाद पटना में एक प्ले स्कूल में कैंडीडेट्स के बीच बांट दिया गया था। सुनवाई के दौरान यह भी तथ्य सामने आया है कि 3300 स्टुडेंट्स को नीट-यूजी का गलत पेपर दिया गया था। इस बात को एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में माना है। इन छात्रों को एसबीआई की जगह केनरा बैंक का पेपर दिया गया था।
रिएग्जाम रोकने को एड़ी-चोटी का जोर लगा रही सरकार
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच कर रही है। माना जा रहा है कि आज कोर्ट रिएग्जाम को लेकर कोई फैसला सुना सकती है। जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार और एनटीए इस बात को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है कि नीट-यूजी का रिएग्जाम नहीं हो। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही यह कह दिया है कि अगर पेपर लीक का प्रभाव व्यापक रहा तभी रिएग्जाम कराया जाएगा। अब एनटीए और केंद्र सरकार इस बात को साबित करने में जुट गई है कि नीट-यूजी पेपर लीक कांड का परीक्षा पर प्रभाव काफी सीमित था।
पेपर लीक के व्यापक होने के सुबूत नहीं
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि पेपर लीक का प्रभाव व्यापक था और पूरे देश में फैला हुआ था, ऐसा सुबूत नहीं मिला है। इस मामले में आरोपियों के बयान भी अलग-अलग हैं। इस सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एनटीए और केंद्र सरकार की तरफ से पक्ष रख रहे हैं। जबकि, याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े, मैथ्यूज नेदुम्परा आदि पक्ष रख रहे हैं।
राजकोट के सेंटर में 12 स्टुडेंट को मिले 700 से अधिक अंक
सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा ने अपना पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि राजकोट के एक सेंटर पर 12 से अधिक स्टुडेंट को 700 से अधिक अंक मिले हैं। इसी तरह, सीकर में 700 अंक से अधिक आठ स्टुडेंट्स को, 650 तक अंक 69 कैंडीडेट्स को, 600 तक अंक 115 कैंडीडेट्स को, और 550 तक अंक 241 कैंडीडेट्स को मिले हैं। सीनियर एडवोकेट ने यह भी कहा कि नीट के सिटी कोआर्डिनेटर ही इन परीक्षा केंद्रों के मालिक हैं। इनकी कोचिंग सेंटर के साथ मिलीभगत हो सकती है। इस पर सीजेआई ने कहा कि अगर ऐसा है तो भी यह पूरे देश में नीट-यूजी की परीक्षा को निरस्त करने का आधार नहीं बनेगा।