1972 में पहली बार जमशेदपुर आए थे सुनील गावस्कर, कीनन में जड़ा था शतक
लिटिल मास्टर के जन्मदिन पर विशेष. कीनन स्टेडियम में खेल चुके हैं तीन वनडे इंटरनेशनल
-27 अप्रैल 2024 को भी आये थे शहर, युवाओं को दिया था सक्सेस मंत्र
-दलीप ट्रॉफी के मैच में पूर्व जोन के खिलाफ पश्चिम के लिए खेली थी शानदार पारी
-कीनन में वेस्टइंडीज, आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए खेला है वनडे
जमशेदपुर : भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर बुधवार (10 जुलाई 2024) को 75 वर्ष के हो गए। लिटिल मास्टर कई बार जमशेदपुर आए हैं, जिसमें क्रिकेट से लेकर निजी दौरान भी शामिल हैं। जमशेदपुर में उनका एक दोस्त रहता है, जिनके यहां वे आते-जाते रहते हैं। इसी वर्ष 27 अप्रैल को सुनील गावस्कर एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जमशेदपुर आए थे। उन्होंने नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल में छात्रों को मोटिवेट किया था और नकुल कमानी के साथ अपनी दोस्ती का इजहार भी किया था। लेकिन, सुनील गावस्कर पहली बार 1972 में क्रिकेट खेलने के लिए जमशेदपुर आए थे। 1972 में कीनन स्टेडियम में 11 से 13 फरवरी तक दिलीप ट्रॉफी का मैच पश्चिम बनाम पूर्व जोन के बीच खेला गया था। इस मैच में पश्चिम जोन से सुनील गावस्कर खेलने के लिए शहर पहुंचे थे और 101 रनों की शानदार शतकीय पारी भी खेली थी। 1980-81 रणजी सीजन का क्वार्टर फाइनल मैच मुंबई और बिहार के बीच कीनन स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच में भी सुनील गावस्कर मुंबई की ओर से खेले थे। मुंबई की टीम इस मैच में विजयी रही थी और सुनील गावस्कर को बिहार के एमआर भल्ला ने मात्र छह रन पर आउट किया था।
कीनन में खेले गये पहले वनडे मैच में जड़ा था अर्धशतक
जमशेदपुर के ऐतिहासिक कीनन स्टेडियम में कुल 10 वनडे मैच खेले गए हैं। इस स्टेडियम में पहला वनडे इंटरनेशनल मैच 7 दिसंबर 1983 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। इस मैच में भारत को वेस्टइंडीज के हाथों 104 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। मैच में सुनील गावस्कर ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए भारत की ओर से सर्वाधिक 83 रन बनाए थे, जिसमें 6 चौका और 3 छक्का शामिल थे। इसके अलावा सुनील गावस्कर दो और वनडे मैच खेलने कीनन स्टेडियम आ चुके हैं। 3 अक्तूबर को आस्ट्रेलिया और भारत के बीच कीनन में वनडे मैच खेला गया था। हालांकि यह मैच बारिश के कारण पूरा नहीं खेला जा सका था। इस मैच में भी सुनील गावस्कर भारतीय टीम के सदस्य थे। वहीं, 26 मार्च 1987 को भारत और पाकिस्तान के बीच कीनन स्टेडियम में वनडे मैच खेला गया था। इस मैच में पाकिस्तान की टीम पांच विकेट से विजयी रही थी। इस मैच में सुनील गावस्कर ने 86 गेंदों पर 5 चौकों की मदद से 69 रन बनाए थे।
तो कभी क्रिकेटर नहीं बन पाते सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखते हैं कि अस्पताल में उनके साथ एक घटना घटी थी। अगर नर्स ने अपनी गलती ठीक नहीं की होती तो वह आज क्रिकेटर नहीं बल्कि मछुआरा बन जाते और मछली पकड़ रहे होते। सुनील गावस्कर बताते हैं कि उनके मुहल्ले के नन काका उन्हें पहले दिन देखने अस्पताल आए थे और कान के पास एक बर्थ मार्क देख लिया था। बाद में वह फिर आए तो जो बच्चा उन्होंने मेरी मां के पास से उठाया उसके कान पर वह बर्थ मार्क नहीं था। इसके बाद उन्होंने मेरी मां और नर्स से यह बात बताई। सुनील गावस्कर लिखते हैं कि इसके बाद खोजबीन हुई और वह एक मछुआरे की पत्नी के पास सोते हुए मिले। नर्स ने बताया कि शायद बच्चों को नहलाने के दौरान वह बदल गए थे।