नई दिल्ली : इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है और इस बार मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आ रही हैं। हर नवरात्रि पर मां दुर्गा का आगमन अलग-अलग सवारी से होता है, जिसका प्रभाव व्यापक रूप से देखा जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा का पालकी पर आगमन विशेष रूप से अशुभ माना जा रहा है। इसका असर देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
शारदीय नवरात्रि की तिथियां
शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर से होगा, और 11 अक्टूबर को महानवमी का पर्व मनाया जाएगा। 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा और इसी दिन मां दुर्गा का विसर्जन होगा। 3 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा से नवरात्रि का शुभारंभ होगा।
मां दुर्गा की सवारी इस बार पालकी
मां दुर्गा की सवारी नवरात्रि के शुभारंभ के दिन के आधार पर तय होती है। अगर नवरात्रि मंगलवार या शनिवार से शुरू होती है, तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि का आरंभ होने पर मां पालकी पर सवार मानी जाती हैं। वहीं, रविवार या सोमवार को मां दुर्गा हाथी पर आती हैं, जिसे सबसे शुभ माना जाता है।
पालकी पर मां दुर्गा का आगमन अशुभ संकेत
ज्योतिषियों और धार्मिक विशेषज्ञों का मानना है कि मां दुर्गा का पालकी पर आना शुभ नहीं होता। इसका संकेत है कि आने वाले समय में देश और दुनिया में अशांति बढ़ सकती है। आर्थिक मंदी, महामारी और अप्राकृतिक आपदाओं का डर बढ़ जाता है। इसके साथ ही, लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है और दूसरे देशों से हिंसक घटनाओं की खबरें भी आ सकती हैं।
इस वर्ष नवरात्रि का समय इसलिए भी विशेष ध्यान देने योग्य है, क्योंकि मां दुर्गा का पालकी पर आगमन देश-दुनिया के लिए गंभीर चुनौतियों का संकेत माना जा रहा है।