श्रावण का महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस साल 22 जुलाई से 19 अगस्त तक सावन का महीना चलेगा। इस महीने में बड़े धूमधाम से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं इस महीने में क्या करें और क्या न करें।
सावन में क्या करें:
- रोजाना स्नान करें: रोजाना स्नान करने से आप न सिर्फ आरोग्य रहेंगे बल्कि तन और मन दोनों से ही चुस्त महसूस करेंगे।
- शिव जी की पूजा-अर्चना करें: श्रावण मास में शिवलिंग पर जल चढ़ाकर भगवान शिव की आराधना करें।
- सात्विक भोजन करें: पत्तेदार सब्जियों से परहेज़ करें। खाने में तेल और मसालों का कम इस्तेमाल करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें: श्रावण में हम शिव जी का ध्यान करते हैं। किसी भी भगवान के ध्यान में लीन होते वक्त काम वासना का त्याग करना चाहिए।
- भूमि पर शयन करें: सावन के महीने में गद्देदार बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। हो सके तो भूमि पर शयन करना चाहिए।
- अतिथि देवो भवः का पालन करें: आपके दरवाज़े पर आए किसी भी अतिथि, जैसे गाय, बैल, भिक्षु आदि का सत्कार करें।
- शिव जी की अराधना में सावधानी बरतें: शिवलिंग पर कुमकुम, हल्दी, केतकी का फूल या तुलसी अर्पित न करें। शिवलिंग के सामने ताली या शंख नहीं बजाएं।
- सदाचरण का पालन करें: किसी का अपमान न करें। खासकर देवता, माता-पिता, गुरु, जीवनसाथी, मित्र और मेहमान का सम्मान करें।
सावन में क्या न करें:
- नशे से परहेज़ करें: श्रावण मास में किसी भी प्रकार के नशे, जैसे – पान, गुटखा, सुपारी, तंबाकू, मदिरा, आदि का सेवन न करें।
- तामसिक खाद्य पदार्थ न खाएं: मीत, मछली और अन्य तामसिक खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें। कच्चा दूध या उससे बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। खट्टी चीज़ें भी न खाएं।
- दिन में शयन न करें: सावन माह में सुबह देर से उठना और रात देर तक सोना भी नुकसानदायक माना गया है। दिन में शयन न करें।
- शरीर में तेल न लगाएं: सावन में शरीर में तेल लगाने से बचें।
- मांगलिक कार्य न करें: इस महीने में कोई भी मांगलिक कार्य, जैसे जातकर्म संस्कार, गृह प्रवेश और विवाह न करें।
- दाढ़ी या सिर के बाल न कटवाएं: इस माह में दाढ़ी या सिर के बाल नहीं कटवाने चाहिए। नाखून भी नहीं काटना चाहिए।
श्रावण का महीना अध्यात्मिक और धार्मिक महत्व से भरा होता है। इन नियमों का पालन कर हम भगवान शिव की कृपा पा सकते हैं और अपने जीवन को और भी सफल बना सकते हैं।