नई दिल्ली : अब रेलवे में अधिकारी पदों पर नियुक्तियां UPSC की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (ESE) के जरिए की जाएंगी. केंद्र सरकार ने 6 अक्टूबर को 2019 के अपने फैसले पर यू-टर्न लेते हुए पुरानी भर्ती नीति को फिर से लागू कर दिया है. पहले रेलवे में अधिकारियों की भर्तियां भारतीय रेलवे प्रबंधन प्रणाली (IRMS) के जरिए की जाती थीं. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को जारी एक ज्ञापन में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने यह बताया कि 3 अक्टूबर 2024 को रेल मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद ESE को बहाल करने का निर्णय लिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 5 अक्टूबर को जारी DoPT के पत्र में कहा गया है कि रेलवे के तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों पदों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए UPSC की CSE और ESE परीक्षाओं के माध्यम से भर्तियों के लिए रेल मंत्रालय के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. हालांकि, यह मंजूरी कुछ शर्तों के अधीन होगी.
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यह भर्ती प्रक्रिया किसी भी प्रकार से 24 दिसंबर 2019 के कैबिनेट के निर्णय का उल्लंघन नहीं करेगी, जिसके तहत एक नई भर्ती प्रणाली लाई गई थी. DoPT से मंजूरी मिलने के कुछ घंटों के भीतर ही रेल मंत्रालय ने दूरसंचार विभाग के सचिव और UPSC को पत्र लिखकर इस नई नीति के तहत CSE और ESE से भर्ती की जानकारी दे दी.
किन पदों पर होंगी भर्तियां?
जारी पत्र के अनुसार, पहले से अधिसूचित परीक्षा का पाठ्यक्रम IRMS पदों पर भी लागू रहेगा. नए भर्ती किए गए इंजीनियरों को IRMS (सिविल), IRMS (मैकेनिकल), IRMS (इलेक्ट्रिकल), IRMS (सिग्नल और टेलीकॉम), और IRMS (स्टोर) के रूप में नियुक्त किया जाएगा.
कितने पदों पर होंगी भर्तियां?
रेल मंत्रालय ने बताया है कि एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और पीडब्ल्यूबीडी के आरक्षण के संबंध में श्रेणीवार रिक्तियों की जानकारी नियत समय में संपर्क अधिकारी की मंजूरी के साथ उपलब्ध कराई जाएगी. ESE 2025 के माध्यम से भरी जाने वाली रिक्तियों की संभावित संख्या IRMS (सिविल) के लिए 75, IRMS (मैकेनिकल) के लिए 40, IRMS (इलेक्ट्रिकल) के लिए 50, IRMS (सिग्नल और टेलीकॉम) के लिए 40, और IRMS (स्टोर) के लिए 20 पदों की होगी.