स्कूलों में मनाया जाएगा रामलला का प्राण प्रतिष्ठा दिवस, जानें क्या होगा इस दिन
नई दिल्ली : स्कूलों में अब रामलला का प्राण प्रतिष्ठाा दिवस मनाया जाएगा। ये दिवस राजस्थान के स्कूलों में मनाया जाएगा। रामलला प्राण प्रतिष्ठाा दिवस को स्कूल के कैलेंडर में शामिल कर लिया गया है। यह दिवस 22 जनवरी को मनाया जाएगा। कैलेंडर यह बताता है कि स्कूलों में कौन से त्योहार कब कब मनाए जाएंगे। यही नहीं, स्कूलों में रक्षा बंधन भी मनाया जाएगा।
कैलेंडर के अनुसार, रामलला दिवस के दिन छात्र इस दिन के महत्व के बारे में चर्चा करेंगे। इस दिन एक गोष्ठी आयोजित की जाएगी। इस गोष्ठी में मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जिक्र किया जाएगा और उनकी जीवनी के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में छात्रों को बताया जाएगा। अयोध्या में रामलला मंदिर के बारे में जानकारी दी जाएगी इसका निर्माण कैसे हुआ और यह मंदिर कितना भव्य बनाया गया है। कैलेंडर में कहा गया है कि छात्र इस दिन चित्र भी बनाएंगे। राजस्थान सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय को जनता सराह रही है। लोगों का कहना है कि यह एक अच्छा फैसला है। हमारे बच्चे रामलला के मंदिर और उनकी प्राण प्रतिष्ठा के बारे में जानेंगे। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।
चित्र के माध्यम से दर्शाया जाएगा महत्व
चित्र के माध्यम से इस दिन का महत्व दर्शाया जाएगा। चित्रांकन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। स्कूली शिक्षा मंत्री दिलावर मदन ने ही यह कैलेंडर जारी किया है। इस साल रक्षा बंधन का त्योहार 19 अगस्त को है। राजस्थान के स्कूलों में यह त्योहार 17 अगस्त को मनाया जाएगा। यह कैलेंडर स्कूलों में साल भर होने वाली गतिविधियों को दर्शाता है। यह कैलेंडर बताता है कि साल भर तक स्कूलों में क्या गतिविधियों को अंजाम दिया जाएगा। हालांकि, कैलेंडर में यह नहीं बताया गया है कि प्राणप्रतिष्ठा वाले दिन स्कूल में छुट्टी रहेगी या फिर उत्सव मनाया जाएगा।
22 जनवरी को हुई थी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 12 बज कर 29 मिनट आठ सेकेंड से 12 बज कर 30 मिनट 23 सेकेंड के बीच हुई थी। इस प्राण प्रतिष्ठा के लिए पौस माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र मेष लगन एवं वृष्चिक नवांश को चुना गया था। इस दिन अयोध्या में भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। प्राण प्रतिष्ठा के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। रामलला मंदिर बनाने के लिए 134 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई। इसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर का निर्माण हुआ।