छात्रों को धोखा देने के लिए अपनी रैंकिंग बेहतर बता रहे प्राइवेट कॉलेज, जानें अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने क्या कहा
लखनऊ : अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी एकेटीयू में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे जुड़े प्राइवेट कॉलेज प्रचार कर रहे हैं कि उनकी रैंकिंग अच्छी है। जबकि, ऐसा नहीं है। एकेटीयू ने इस संबंध में अपनी वेबसाइट पर एक अलर्ट जारी कर दिया है। एकेटीयू का कहना है कि उनकी तरफ से ऐसी कोई रैंकिंग नहीं बनाई गई है। ये प्राइवेट कॉलेज ज्यादा से ज्यादा छात्रों का प्रवेश पाने के लिए रैंकिंग का गलत प्रचार कर रहे हैं। एकेटीयू ने कहा है कि छात्र और अभिभावक प्राइवेट कॉलेजों के किसी भी भ्रम में न फंसें। एकेटीयू के परीक्षा नियंत्रक राजीव कुमार बताते हैं कि प्राइवेट कॉलेज स्टुडेंट्स व अभिभावकों को आकर्षित करने के लिए रैंकिंग बेहतर होने का दावा कर रहे हैं। संस्थानों की तरफ से ये भ्रामक प्रचार प्रसार है। स्टुडेंट्स और अभिभावकों से संस्थानों के भ्रम जाल में नहीं फंसने को कहा गया है। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी की तरफ से परीक्षाफल के आधार पर कोई रैंकिंग तैयार ही नहीं की गई है। ऐसे में रैंकिंग जारी करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। ये कोरी बकवास है।
शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई
एकेटीयू का कहना है कि अगर कोई प्राइवेट कॉलेज या संस्थान अगर किसी छात्र या अभिभावक को रैंकिंग बेहतर बताने की बात कह कर दिग्भ्रमित करता है तो इसकी शिकायत एकेटीयू में की जा सकती है। शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में आरोप सही साबित होने पर संबंधित संस्थान या प्राइवेट कॉलेज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गलत दावे पेश करते हैं संस्थान
एकेटीयू का कहना है कि जब भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू होती है। संस्थान या कॉलेज गलत दावे पेश करते हैं। संस्थान 100 प्रतिशत प्लेसमेंट का दावा करते हैं। उच्च वेतन पर नौकरी की गारंटी देते हैं। कॉलेज में भी स्टडी के दौरान उच्च स्तरीय सुविधाओं के दावे करते हैं। मगर, अक्सर ये दावे झूठ पर आधारित होते हैं। यह दावे अभिभावकों या छात्रों को लुभाने के लिए किए जाते हैं। छात्रवृत्ति या आर्थिक सहायता के भी दावे किए जाते हैं। कालेज अच्छे प्रोफेसर होने और बेहतरीन काउंसलर होने का भी दावा करते हैं। इसलिए, छात्रों और अभिभावकों को इस बारे में पड़ताल कर लेनी चाहिए। संबंधित संस्थान से पास आउट छात्रों से उसके बारे में पता लगाया जा सकता है कि कॉलेज या संस्थान में क्या माहौल है। प्लेसमेंट की क्या स्थिति है। प्रोफेसर कैसे हैं। पढ़ाई कर रहे छात्रों से भी बात कर कॉलेज के बारे में जानकारी मिल सकती है।