खूंखार MMA खेल को ओलंपिक्स में लाने की हो रही तैयारी: जानें क्या होगा मैदान पर?
नई दिल्ली: 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किए जाने के बाद, अब एक और खतरनाक खेल को ओलंपिक कार्यक्रम में शामिल करने की चर्चा हो रही है। UFC (Ultimate Fighting Championship) के सीईओ डैना वाईट ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (MMA) को ओलंपिक्स में लाने का प्रस्ताव दिया है।
वाईट ने हाल ही में कहा कि MMA को ओलंपिक खेलों में शामिल किया जाना चाहिए था और उन्होंने इस मुद्दे का समर्थन किया है। उनका कहना है कि रेसलिंग, बॉक्सिंग, और जूडो जैसे पहले से मौजूद लड़ाई वाले खेलों की तरह MMA को भी ओलंपिक में स्थान मिलना चाहिए। वाईट ने IOC (International Olympic Committee) को यह भी बताया कि MMA की व्यूअरशिप को बढ़ावा देने से ओलंपिक खेलों की दर्शक संख्या में इजाफा हो सकता है।
हालांकि, MMA के ओलंपिक में शामिल होने के संभावित लाभ और चुनौतियों को लेकर अभी भी चर्चा जारी है।
MMA की दीर्घकालिक सफलता पर संदेह
ओलंपिक्स में MMA की दीर्घकालिक सफलता पर संदेह है। एक कॉम्बैट स्पोर्ट्स एनालिस्ट का कहना है कि यदि MMA (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स) को ओलंपिक्स में शामिल किया जाता है, तो यह खेल ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा। उनका तर्क है कि MMA फाइट्स के बाद एथलीटों को पूरी तरह ठीक होने में अधिक समय लगता है। जबकि बॉक्सिंग, कुश्ती, और जूडो के मुकाबले केवल 2 हफ्तों के अंतराल में कराए जा सकते हैं। इस लंबे रिकवरी समय के कारण MMA को ओलंपिक्स में लंबे समय तक बनाए रखना कठिन हो सकता है।