नटवरलाल से भी दो कदम आगे निकलीं पूजा खेडकर, IAS बनने के लिए माता-पिता के नाम, पता व फोटो तक कर दिया चेंज, जानें अब क्या करेगा UPSC
नई दिल्ली: फर्जीवाड़ा करने के आरोप में विवाद में घिरीं आईएएस पूजा खेडकर जालसाजी में नटवरलाल से भी दो कदम आगे निकल गईं। जांच के दौरान सामने आया है कि पूजा खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग को गलत जानकारी देकर आईएएस की परीक्षा पास की थी। उन्होंने निर्धारित सीमा से अधिक परीक्षाएं दीं। इसके लिए उन्होंने अपने माता-पिता के नाम, अपनी फोटो और अपना पता तक बदल दिया। ताकि संघ लोक सेवा आयोग की आंखों में धूल झोंकी जा सके। जांच में पता चला है कि पूजा खेडकर ने आईएएस अधिकारी बनने के लिए कई घपले किए। उन्होंने फर्जीवाड़े की सारी सीमा पार कर दी।
यूपीएससी ने दर्ज करा दी है FIR, नोटिस भी जारी
इस मामले में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा खेडकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी है। पूजा खेडकर को नोटिस जारी कर दी गई है कि क्यों ना उनकी आईएएस अधिकारी बनने की उम्मीदवारी रद्द कर दी जाए। उन्हें पहले ही ट्रेनिंग से वापस बुलाया जा चुका है। पूजा खेडकर के खिलाफ जांच पूरी होने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
यूपीएससी की नौ बार परीक्षा देने के बाद भी सफल नहीं हुई थी पूजा
आईएएस अधिकारी बनने के लिए ओबीसी श्रेणी का उम्मीदवार 9 बार परीक्षा दे सकता है। पूजा खेडकर ने 9 बार परीक्षा दी। लेकिन वह सफल नहीं हुई। अगर वह पूजा खेडकर और अपने सही माता-पिता के नाम और पते व अपनी सही फोटो के साथ इस का फॉर्म भरती तो उनका फॉर्म रद्द कर दिया जाता। उसे परीक्षा देने का मौका नहीं मिलता। इसीलिए पूजा खेडकर ने वह चाल चली जिसे संघ लोक सेवा के अधिकारी भी नहीं पकड़ पाए। पूजा खेडकर ने अपना नाम तो सही रखा। लेकिन, अपनी तस्वीर बदल दी। यही नहीं माता-पिता का नाम भी बदल दिया। अपने ईमेल आईडी, अपना एड्रेस और मोबाइल नंबर भी चेंज कर दिया और इस तरह उन्होंने इस की परीक्षा पास कर ली। आईएएस की परीक्षा में उनका सिलेक्शन हो जाए इसके लिए उन्होंने दृष्टि बाधित होने का प्रमाण पत्र भी लगा दिया और नान क्रीमी लेयर का सर्टिफिकेट भी जोड़ दिया।
सादगी से नौकरी करतीं तो नहीं खुलती पोल
पूजा खेडकर सुर्खियों में नहीं आतीं अगर उन्होंने सादगी से अपनी नौकरी शुरू की होती। लेकिन पुणे में तैनाती मिलते ही उन्होंने अपना आईएएस का रुतबा दिखाना चाहा। अपने लिए गाड़ी और ऑफिस की मांग की। गाड़ी और ऑफिस नहीं मिलने पर उन्होंने एक अधिकारी के ही ऑफिस पर कब्जा कर लिया और वहां अपनी नेम प्लेट लगा दी। अपनी निजी आडी गाड़ी में उन्होंने नीली बत्ती लगा दी। अपने अधीनस्थों से भी सख्ती से पेश आने लगी। अधीनस्थ अधिकारियों ने इसकी शिकायत पुणे के डिप्टी कलेक्टर से की और फिर पुणे के डिप्टी कलेक्टर ने मामला महाराष्ट्र के मुख्य सचिव तक पहुंचा दिया। आईएएस के बाद मामले की जांच शुरू हुई और पूजा खेडकर की जालसाजी परत दर परत खुलने लगी। पूजा खेडकर ने यूपीएससी की परीक्षा में 821 वीं रैंक हासिल की थी।