उधार के संसाधन से ठेके पर परीक्षा कराती है एनटीए देश की 25 बड़ी परीक्षाएं कराने वाली एनटीए के पास 25 लोग नहीं
नई दिल्ली : देश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की जिम्मेदारी संभालने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए के पास न तो पर्याप्त कर्मचारी हैं और ना ही पर्याप्त संसाधन। देश की 25 बड़ी परीक्षाएं संपन्न कराने वाली एजेंसी एनटीए के पास 25 कर्मचारी भी नहीं हैं। संसाधन के अभाव में ये एजेंसी कर्मचारी से लेकर सभी संसाधनों का आउट सोर्स करती है। बकायदा टेंडर निकाला जाता है और फिर जो कंपनी टेंडर प्राप्त करती है उसे ही परीक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। परीक्षा केंद्र का काम भी कंपनियों के हवाले होता है जिन्हें कानून तोड़ने का कोई खौफ नहीं होता। हद ये है कि नीट यूजी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा के प्रश्न पत्र कूरियर से भेजे जाते हैं और ई रिक्शा पर लाद कर बैंक से परीक्षा केंद्र तक ले जाए जाते हैं। संसाधन के अभाव में ही एनटीए अपने द्वारा संचालित परीक्षाओं में गड़बड़ी नहीं रोक पाती है। अब तो इन परीक्षाओं में पेपर धुआंधार लीक हो रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर एनटीए जिन परीक्षाओं को संपन्न कराती है उनमें पेपर लीक समेत अन्य गड़बड़ियां क्यों हो रही हैं। सवाल उठता है कि आखिर सरकार कहां जा रही है। देश को किधर ले जाया जा रहा है। परीक्षा संपन्न कराने के लिए किसी सरकारी महकमे का सहारा क्यों नहीं लिया जाता।
गैरसरकारी अमला तैयार करता है पेपर
एनटीए के पास किसी भी परीक्षा का पेपर तैयार करने के लिए कोई अपना अमला नहीं है। एनटीए के लिए काम करने वाले गैर सरकारी लोग पेपर तैयार करते हैं। इस वजह से पेपर लीक की बड़ी संभावना बनी रहती है। पेपर बनाने के लिए सब्जेक्ट एक्सपर्ट टेस्ट आइटम तैयार किया जाता है। इसके बाद सवालों का एक पूरा बैंक बनता है। तब पेपर लिखे जाते हैं। बाद में फिर पेपर की जांच की जाती है कि कहीं कोई सवाल बाहर का तो नहीं है। माना जा रहा है कि प्राइवेट कर्मी होने की वजह से पेपर बनाने वालों को किसी तरह का कोई खौफ नहीं होता और वह बिंदास होकर पेपर लीक कर देते हैं। जानकारों का मानना है कि सरकार को चाहिए कि नीट, इंजीनियरिंग जैसी परीक्षाओं के पेपर सरकारी प्रेस में छपने चाहिए।
परीक्षा कराने को ऐसे होता है टेंडर
एनटीए परीक्षा संपन्न कराने के लिए टेंडर जारी करती है। परीक्षा से जुड़े अलग-अलग कामों के लिए एनटीए अलग अलग कंपनी का चुनाव टेंडर के जरिए करती है। परीक्षा संपन्न् कराने का पूरा काम यही कंपनियां करती हैं। परीक्षा संपन्न कराने वाला पूरा स्टाफ आउट सोर्स किया जाता है। टेंडर के जरिए ही परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था की जाती है। टेंडर कर किराए पर कंप्यूटर लिए जाते हैं और टेंडर के जरिए ही उस कंपनी का चुनाव किया जाता है जो परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाती है। स्टाफ भी आउटसोर्स किए जाते हैं। इनमें टेक्निकल सपोर्ट ग्रुप, आफिस असिस्टेंट, सीनियर असिस्टेंट, कंसल्टेंट, कंसल्ट एडवाइजर, डेटा एनालिस्ट आदि पदों को आउट सोर्स करती है। एनटीए ने नीट यूजी परीक्षा संपन्न कराने के लिए कई कंपनियों को हायर किया था। क्यूआर कोड सल्यूशन के लिए भी कंपनी हायर की जाती है। यही नहीं, प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल को ही एनटीए का सिटी कोआर्डिनेटर बना दिया जाता है। ये वह प्रिंसिपल होते हैं जिनके स्कूल में नीट परीक्षा संपन्न कराती है।
एनटीए ने कब कब की गड़बड़ी
बड़ी परीक्षाओं को संपन्न कराने के लिए साल 2017 में एनटीए को बनाया गया था। तब से हर उस परीक्षा में गड़बड़ी हो रही है जिन्हें एनटीए संपन्न कराती है। साल 1019 में जेईई मेंस परीक्षा में सर्वर खराब होने से परीक्षार्थियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। एनटीए द्वारा संपन्न होने वाली लगभग हर परीक्षा में परीक्षार्थियों को देर से ही पेपर मिलते हैं। साल 2020 में एनटीए पर बड़े गंभीर सवाल उठाए गए थे। साल 2021 में जेईई मेंस परीक्षा में गलत प्रश्न आने पर हंगामा हुआ था। साल 2022 में भी नीट यूजी परीक्षा में भयंकर गड़बड़ी हुई थी। इस साल हुई नीट यूजी की परीक्षा में तो पेपर ही लीक हो गया, मगर एनटीए को भनक तक नहीं लगी। मगर, विशेषज्ञ मानते हैं कि परीक्षा में गड़बड़ी हो जाए और आजकल के आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के जमाने में भी अगर एनटीए को इसकी जानकारी नहीं हो पाए तो ताज्जुब होता है।