नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के हर व्यक्ति को डिजिटल तौर पर जोड़ना चाहते हैं. लेकिन उनके इस प्रयास में टेलीकॉम कंपनियों के महंगे रिचार्ज बाधा बन रहे हैं. इस महंगे प्लान से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए मोदी सरकार एक नया प्लान लेकर आई है. इस प्लान के तहत पूरे देश में पीएम-वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए जाएंगे. इसके लिए पीएम-वाणी फ्रेमवर्क गाइडलाइन में सरकार सुधार करेगी. सरकार के इस बदलाव के बाद देश का कोई भी नागरिक अपने इलाके में व्यक्तिगत वाई-फाई हॉटस्पॉट लगा सकेगा. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि बीएसएनएल साल 2016 से ही कह रहा है कि वह शहरों में वाई-फाई केंद्र स्थापित करेगा। जहां लोग मुफ्त इंटरनेट सेवा का लाभ ले सकेंगे। लेकिन आज तक यह काम नहीं हो सका इलाके के लोगों का कहना है कि बीएसएनल ढंग से 4G सेवा ही दे दे। यही बहुत है। जहां प्राइवेट कंपनियां 5G सेवा देने लगी हैं। वहीं बीएसएनएल की क्वालिटी लगातार गिरती जा रही है। कई बड़े शहरों में बीएसएनल की 3G सेवा चलती है। वह भी अक्सर 2G में बदल जाती है। लोगों का कहना है कि अब बीएसएनल लोगों को कम कीमत पर डाटा देने का ख्वाब दिखा रहा है।
पीएम वाणी वाई-फाई क्या है ?
आज के जमाने में तो मोबाइल टावर का होना बहुत जरूरी है. क्योंकी इंटरनेट के जरिए लगभग सारे काम होते हैं. वर्तमान में पूरे देश में मोबाइल टावर के माध्यम से मोबाइल डाटा उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन देश के ऐसे कई कोने हैं जहां मोबाईल टावर की कमी है. ऐसे में उस इलाके में मोबाइल नेटवर्क नहीं आते हैं. इस कारण से लोगों को कालिंग और इंटरनेट इस्तेमाल करने में दिक्कत होती है. इस दिक्कत से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए अब सरकार ब्रॉडबैंड वाई-फाई हॉटस्पॉट को पीएम वाणी वाई-फाई स्कीम के तहत हर इलाके में बना रही है. यह एक बड़े इलाके में बहुत सस्ती कीमत में इन्टरनेट सुविधाएं उपलब्ध कराएगा. सरकार का मानना है कि इस बदलाव से मोबाइल इन्टरनेट की दुनिया में एक बड़ा असर देखने को मिलेगा. इस प्लान के तहत देश भर के हर कोने में माइक्रो वाई-फाई हॉटस्पॉट बन कर तैयार हो जाएंगे. इस प्लान में ब्रॉडबैंड के जरिए मोबाइल टावर से सस्ता इन्टरनेट उपलब्ध कराया जाएगा.
टेलीकॉम कंपनियों का दावा हुआ ख़ारिज
ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF) मेटा, गूगल, अमेजन, टीसीएस जैसी टेलिकॉम फर्म का प्रतिनिधित्व करती है. इसकी रिपोर्ट की मानें तो, टेलईकॉम कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले बयान सही नहीं हैं. BIF का कहना है कि सरकार का यह प्लान (पीएम-वाणी) देश के लिए एक जरूरी प्रोजेक्ट है. इससे किसी तरह के राजस्व का नुकसान सरकार को नहीं होगा. BIF का मानना है कि अगर सरकार 5 करोड़ पीएम-वाणी हॉटस्पॉट स्थापित करे तो इससे टेलीकॉम कंपनियों के ब्रॉडबैंड की बिक्री से सरकार को 60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.
टेलिकॉम कंपनियों की मुसीबतें बढ़ीं
टेलीकॉम कंपनी जैसे जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को पीएम वाणी वाई-फाई हॉटस्पाट की वजह से नुक्सान का डर सता रहा है. इसी कारण टेलीकॉम कंपनियां इस स्कीम को गैरजरूरी बता रही हैं. आज के वक़्त में देश के हर कोने में इन्टरनेट सेवा उपलब्ध करना टेलिकॉम कंपनी का काम है. इस कारण टेलीकॉम कंपनियों का कहना है इस प्लान से सरकार को राजस्व में कमी होने की आशंका है.
लाखों नागरिकों को मिलेगा सस्ता इन्टरनेट
दूरसंचार विभाग (DoT) ने पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA) के बीच रोमिंग की अनुमति देने वाले प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) के लिए दिशा निर्देशों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। अब, टेलीकॉम कंपनियों और PDO के बीच कमर्शियल समझौते की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा, PDO को टेलीकॉम कंपनियों से मोबाइल डाटा ऑफ लोड स्वीकार करने की अनुमति दी गई है, जो मोबाइल नेटवर्क पर भीड़ को कम करने में सहायक होगी।बेसलाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर फाउंडेशन (बीआईएफ) ने कहा है कि इन बदलावों से लाखों लोगों के लिए सस्ता इंटरनेट उपलब्ध होने का रास्ता साफ होगा। यह कदम देश में डिजिटल पहुंच को बढ़ाने और इंटरनेट की लागत को कम करने में मदद करेगा।
चार साल पहले हुई थी पीएम वाणी की शुरुआत
प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) की शुरुआत 9 दिसंबर 2020 को हुई थी। इस योजना का उद्देश्य पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार करना है। सरकार का लक्ष्य है कि सभी नागरिकों को वाई-फाई के जरिए इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सके। केन्द्र सरकार इसे “वाई-फाई क्रांति” के रूप में पेश कर रही है.
पीएम वाणी को रफ़्तार देने की कोशिश
आज के समय में मोबाइल इंटरनेट के साथ लैपटॉप, टैबलेट, कंप्यूटर और स्मार्ट टीवी कनेक्ट रहते हैं, जिससे मोबाइल डेटा अक्सर नाकाफी हो जाता है। ऐसे में ब्रॉडबैंड सेवाएं अत्यावश्यक हो जाती हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) को मंजूरी दी है, लेकिन इसके लॉन्च के कुछ वर्षों में इंटरनेट स्पीड धीमी रही है।सरकार अब कुछ बदलावों के जरिए PM-WANI को रफ्तार देने का प्रयास कर रही है, जिससे देश में वायरलेस इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।