आईजी ने बिष्टुपुर में दिया निर्देश, जनशिकायत समाधान कार्यक्रम में सुनी शिकायतें
आज हम आपके लिए लाए हैं एक ऐसी खबर जो आपको रोजमर्रा की जिंदगी में बेहद काम की है। आज सरकार की तरफ से जमशेदपुर में जनशिकायत समाधान कार्यक्रम लगाया गया है। इसमें लोगों ने अपनी समस्या पुलिस के सामने रखी। पुलिस ने समस्याओं का समाधान किया।
सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड के 23जिलों में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम आयोजित किया गया। जमशेदपुर में यह कार्यक्रम बिष्टुपुर के माइकल जॉन आडिटोरियम में हुआ है। इस कार्यक्रम की शुरुआत आईजी अखिलेश कुमार झा ने की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि थाने पर जो भी शिकायत सुनाने आए तो उसके साथ अच्छे से पेश आएं। उससे यह न पूछें कि शिकायत लेकर क्यों आ गए। उनकी शिकायत दर्ज करें और कार्रवाई करें। आईजी ने थाना प्रभारियों से कहा कि अक्सर लोग जानकारी के अभाव में ऐसी समस्या लेकर थाने पहुंच जाते हैं जिनका निदान कहीं और होना है। आईजी ने निर्देश दिया है कि थाने पर मौजूद पुलिस कर्मी उस व्यक्ति का आवेदन ले लें और जिस विभाग की शिकायत है उनके पास भेज दें। आईजी ने पुलिस कर्मियों से कहा कि जो समस्या उनसे संबंधित है उसमें वह कार्रवाई करे। आईजी ने कहा कि कानून-व्यवस्था में शिकायतों की अहम भूमिका होती है। यह शिकायतें बताती हैं कि उस इलाके में क्या समस्या है। किस किस्म का अपराध है। इस जानकारी को पुलिस अपराध नियंत्रण के लिए सहेज सकती है।
शिकायतों के ऑनलाइन सिस्टम को मजबूत करें
आईजी ने कहा कि साइबर फ्राड रियलिटी है। साइबर फ्राड होगा। उन्होंने कहा कि पैसा जहां होगा वहीं से चोरी होगा। पैसा आपके पास है तो चोर यहां से चोरी करेगा। पैसा घर में है तो वहां से चोरी होगा। इस दौर में पैसा डिजिटली रन कर रहा है। इसीलिए साइबर ठग इसे डिजिटली पार करने की कोशिश करते हैं। आईजी ने कहा कि इसे लेकर सभी को सजग रहने की जरूरत है। आईजी ने कहा कि पुलिस के पास शिकायत आने की कई व्यवस्था है। आप आफ लाइन थाने पर जाकर आवेदन दे सकते हैं। झारखंड आनलाइन एफआईआर सिस्टम भी है। यहां लोग अपनी कंप्लेन भेज सकते हैं। इसके अलावा, झारखंड सरकार का अपना सिस्टम भी है। आईजी ने जनता से कहा कि वह सिस्टम को मजबूत करें।
निष्पक्ष कार्रवाई करें, किसी को संतुष्ट नहीं
पुलिस शिकायत करने वालों को संतुष्ट नहीं कर सकती। झगडे में दो पार्टी होती है। दोनों पार्टी को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। बस पुलिस को देखना है कि वह निष्पक्ष होकर काम करे। निष्पक्ष होकर फैसला ले। आईजी ने पुलिस कर्मियों खास कर थाना प्रभारियों से कहा कि जो शिकायत लेकर आए उससे लिबरली पेश आएं। यह न पूछें कि वह क्यों आया है। यह नहीं सोचें कि शिकायत कर्ता ने आकर पुलिस का काम बढ़ा दिया है। ऐसा नहीं सोचना चाहिए। इस कार्यक्रम में एसडीओ ने कहा कि जिस काम की समीक्षा नहीं होती वह काम नहीं होता। इस पर, आईजी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से आहवान किया है कि वह थानों पर जाकर वहां आने वाली शिकायतों की समीक्षा करें। शिकायतों की जांच कराई जाए।
थानों को जिम्मेदार बनाने के लिए हुआ यह कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि यूएसए में कोई क्राइम होता है तो लोग 911 पर काल करते हैं। यूके में यह 100 था। यह हमारे पास भी था। अब यह हमारे यहां 112 हो गया है। यह अच्छी व्यवस्था है। इसका एप भी है। महिला सुरक्षा से भी संबंधित है। आईजी ने कहा कि जन समाधान कार्यक्रम का मकसद है थानों को जनता के प्रति जिम्मेदार बनाना। आईजी ने थाना प्रभारियों को बताया कि जब आप शिकायत लेंगे तो आप का काम बढ़ेगा। इसका मतलब यह नहीं है कि जो शख्स आपके पास शिकायत लेकर आया है उसकी शिकायत नहीं ली जाए। उन्होंने थाना प्रभारियों से कहा कि शिकायत कर्ता से बेवजह बहस नहीं करें। उन्होंने इसे एक मिसाल से समझाया कि अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो डाक्टर के पास जाता है। डाक्टर उसका इलाज करता है। डाक्टर उसे डांट-फटकार नहीं करता कि उसने यह गलती की तो बुखार आ गया। इसी तरह, थाने में जो समस्या आती है। उसका निदान करें। आज हुए जन शिकायत समाधान कार्यक्रम में आईजी के अलावा, एसएसपी किशोर कौशल और अन्य पुलिस अधिकारियों व थाना प्रभारियों ने लोगों की शिकायत सुनी। कई शिकायतों का फौरन निस्तारण किया गया।