अब पोस्ट ग्रेजुएट टीचर नियुक्ति परीक्षा में धांधली ! ब्लैक लिस्टेड एजेंसी से कराया गया था एग्जाम
रांची : झारखंड में पिछले साल होने वाली पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (परीक्षा) पीजीटी नियुक्ति परीक्षा भी धांधली के घेरे में आ गई है। पीजीटी परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का कहना है कि इस परीक्षा को संपन्न कराने की जिम्मेदारी ऐसी ब्लैक लिस्टेड एजेंसी को दी गई थी जो पहले ही आरोपों के घेरे में है। इस एजेंसी का नाम है सतवत इंफोसोल एजेंसी। इस एजेंसी पर एसएससी की सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) परीक्षा में गड़बड़ी कराने का आरोप है। इस मामले की जांच चल रही है। इसी को आधार पर बना कर पीजीटी परीक्षा की सीबीआइ जांच कराने की आवाज उठाई जा रही है।
कर्मचारी चयन आयोग ने पिछले साल 11 विभिन्न विषयों के लिए 3120 पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की पोस्ट पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इन भर्तियों के लिए कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा कराई गई थी। जून महीने में इसकी अंतिम मेरिट लिस्ट जारी हुई है। आरोप लगाया जा रहा है कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अधिकांश छात्र पास हो गए हैं।
18 से 20 लाख रुपये लेकर नौकरी देने का आरोप
आरोप लगाया जा रहा है कि जिन उम्मीदवारों के नाम रिजल्ट लिस्ट में हैं उनमें से चार विषयों फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी और ज्योग्राफी के उम्मीदवारों को नौकरी दी गई है। आरोप है कि जिन लोगों को नौकरी दी गई है उनसे 18 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक लिए गए हैं। छात्र आरोप लगाते हैं कि बोकारो के 102 नंबर सेंटर कोड वाले श्रेया डिजिटल नामक परीक्षा केंद्र से 513 उम्मीदवार सफल हुए हैं। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। कुल रिजल्ट को देखा जाए तो इस परीक्षा केंद्र से 14 प्रतिशत के आसपास उम्मीदवार पास हुए हैं।
कंप्यूटर हैक कर धांधली करने का आरोप
छात्रों का कहना है कि पीजीटी परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है। छात्रों का कहना है कि परीक्षा केंद्र पर कंप्यूटर हैक कर लिए गए और उम्मीदवारों को सवालों के जवाब बताए गए हैं। उम्मीदवार बताते हैं कि मैथ्स के पेपर में 150 में से 26 सवाल गलत थे। इसके बाद भी उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क भी दिए गए हैं। इससे साफ होता है कि इस परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। नीट यूजी की परीक्षा में गड़बड़ी का मामला ग्रेस मार्क दिए जाने से ही उजागर हुआ था।
सीजीएल का पेपर हुआ था लीक
सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक हुआ था। इसे लेकर काफी शोर-शराबा हुआ था। विपक्ष ने यह मुद्दा विधनसभा में उठाते हए मामले की जांच की मांग की थी। इसके बाद कार्रवाई शुरू हुई थी। यह परीक्षा भी सतवत इंफोसोल एजेंसी ने ही कराई थी। कहा जा रहा है कि जब एक एजेंसी पहले ही पेपर लीक के आरोप झेल रही है तो उससे नियुक्ति परीक्षा कराना कहां सूझबूझ का फैसला कहा जाएगा। कहा जा रहा है कि पीजीटी नियुक्ति परीक्षा की सीबीआइ जांच कराई जानी चाहिए। ताकि, इस तरह की धांधली करने वाली कंपनियों पर नकेल कसी जा सके।