NIRF रैंकिंग 2024: 12 अगस्त को जारी होगी भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज की सूची, जानें क्या है इसका महत्व
नई दिल्ली: भारत की यूनिवर्सिटीज और उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग 2024 जल्द ही 12 अगस्त को जारी की जाएगी। नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) के तहत इस बार कई नई कैटेगरी जोड़ी गई हैं और 6500 से अधिक संस्थानों ने भाग लिया है।
मुख्य कैटेगरी में शामिल हैं:
– इंजीनियरिंग
– फार्मेसी
– मैनेजमेंट
– आर्किटेक्चर और प्लानिंग
– एग्रीकल्चर और अलाइड सेक्टर
– लॉ
– मेडिकल
– डेंटल
– इनोवेशन
– स्किल यूनिवर्सिटी
ओपन यूनिवर्सिटी और जनरल डिग्री कॉलेजों ने भी रैंकिंग के लिए आवेदन किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रैंकिंग की घोषणा करेंगे, जिसमें देश के शीर्ष कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों की सूची जारी की जाएगी। रिसर्च पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और रिसर्च संस्थानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।
NIRF रैंकिंग का असर अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग पर भी: 2024 की इंडिया रैंकिंग में बढ़ी भागीदारी
भारत की उच्च शिक्षा संस्थानों की इंडिया रैंकिंग 2024 लगातार नौवें साल जारी की जाएगी। नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन (NBA) के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे के अनुसार, हर साल आवेदन करने वाले संस्थानों की संख्या बढ़ रही है, जिसका असर अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग पर भी नजर आ रहा है।
बढ़ाया गया है रैंकिंग का पैरामीटर
इस बार रैंकिंग सिस्टम में पैरामीटर को बढ़ाया गया है, और रिसर्च और इनोवेशन को प्रमुखता दी गई है। कई यूनिवर्सिटीज ने इनोवेशन और रिसर्च के क्षेत्र में आवेदन किया है। रैंकिंग के मुख्य कैटेगरी में यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कॉलेज, फार्मेसी और कानूनी शिक्षा शामिल है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय संस्थानों की संख्या बढ़ रही है और इस बार रैंकिंग में विभिन्न क्षेत्रों में देश के प्रमुख संस्थानों को स्थान दिया जाएगा।
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में भारतीय संस्थानों की संख्या बढ़कर 46
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में भारतीय संस्थानों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है। 2015 में केवल 11 भारतीय यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग में शामिल थीं, जो अब 318 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 46 हो गई हैं। इस बार रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और अन्य यूनिवर्सिटीज की स्थिति में भी सुधार देखने को मिला है। यह वृद्धि भारतीय उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय मान्यता को दर्शाती है।