नए विदेश सचिव विक्रम मिस्री का है जमशेदपुर कनेक्शन, एक्सएलआरआई से किया था एमबीए
जमशेदपुर: इंडियन फॉरेन सर्विस के अधिकारी विक्रम मिस्री को नया विदेश सचिव बनाया गया है। विक्रम मिस्री अभी तक डिप्टी एनएसए थे। उन्हें विदेश सचिव बनाने का ऐलान कर दिया गया है। 15 जुलाई को विक्रम मिस्री कार्यभार संभालेंगे। विक्रम मिस्री का जमशेदपुर कनेक्शन भी है। उन्होंने एक्सएलआरआई से एमबीए की पढ़ाई की थी।
अभी विनय मोहन क्वात्रा हैं विदेश सचिव
देश के विदेश सचिव अभी विनय मोहन क्वात्रा हैं। हालांकि उनका कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो गया था। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनके कार्यकाल में 6 महीने का इजाफा किया था। विनय मोहन क्वात्रा साल 2022 में विदेश सचिव बने थे। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में डिप्टी एनएसए विक्रम मिस्री को विदेश सचिव के पद पर नियुक्ति की मंजूरी दे दी है।
कितना अहम है विदेश सचिव का पद
विदेश सचिव भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का शीर्ष अधिकारी है होता है। यह काफी अहम पद है। भारत की विदेश नीतियों को बनाने में विदेश सचिव की अहम भूमिका होती है। विदेश सचिव प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हैं। माना जा रहा है कि इंडियन फॉरेन सर्विस के अधिकारी को विदेश सचिव बनाने के लिए विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंध और कूटनीति का गहरा ज्ञान होना चाहिए।
श्रीनगर के रहने वाले हैं विदेश सचिव विक्रम मिस्री
नए विदेश सचिव श्रीनगर के रहने वाले हैं। विक्रम मिस्री का जन्म 7 नवंबर 1964 को श्रीनगर में हुआ था। विक्रम मिस्री ने डाली मिस्री से शादी की है। विक्रम मिस्री अंग्रेजी, हिंदी और कश्मीरी के साथ ही फ्रेंच भी बोल सकते हैं।उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिंधिया स्कूल में पूरी की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद वह जमशेदपुर आ गए और जमशेदपुर में एक्सएलआरआई से उन्होंने एमबीए किया था।
विज्ञापन के क्षेत्र में 3 साल तक किया था काम
एमबीए करने के बाद विक्रम मिस्री ने विज्ञापन के क्षेत्र में 3 साल तक काम किया। इसके बाद वह 1989 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए। 1991 से 1996 के बीच उन्होंने ब्रुसेल्स और ट्यूनिस में भारतीय मिशन के विभिन्न पदों पर काम किया। 1997 में प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के निजी सचिव नियुक्त किए गए थे। इसके बाद वह प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय के साथ-साथ कई भारतीय विदेश मिशन में हिस्सा रहे। साल 2012 में वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निजी सचिव बनाए गए थे। साल 2014 में वह स्पेन में राजदूत नियुक्त किए गए थे। साल 2016 में उन्होंने म्यांमार का राजदूत बनाया गया था। साल 2019 में उन्हें चीन का राजदूत बनाया गया। साल 2020-21 के दौरान जब चीन भारत की सीमा पर झड़प हो रही थी, तो विक्रम मिस्री चीन में राजदूत थे और तनाव पर चर्चा उन्होंने कई वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक की थी।