हिंडनबर्ग रिसर्च के नए आरोप,सेबी प्रमुख पर पति के नाम का उपयोग करने का आरोप, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अडानी घोटाले से जुड़े कनेक्शन का आरोप लगाया है। शनिवार रात जारी इस रिपोर्ट के बाद, बुच दंपति ने शनिवार देर रात और फिर रविवार को विस्तृत प्रतिक्रियाएं जारी कीं।
बुच दंपति ने हिंडनबर्ग के आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उनका जीवन और वित्तीय स्थिति पूरी तरह से पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि यदि नियामक किसी डॉक्यूमेंट की मांग करता है, तो वे उसे प्रदान करने के लिए तैयार हैं। उनका कहना था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस पर सेबी ने कार्रवाई की, वही अब उन पर गलत आरोप लगा रहा है।
इसके उत्तर में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुच दंपति की प्रतिक्रियाओं पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इन प्रतिक्रियाओं से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की स्वीकृति मिलती है, और इसके आधार पर कई जरूरी सवाल उठते हैं। हिंडनबर्ग ने बुच दंपति के उस बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है जिसमें हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सेबी प्रमुख के ‘चरित्र हनन’ का प्रयास बताया गया था।
बुच दंपति ने आफशोर निवेश के बारे में दी जानकारी
रविवार को बुच दंपति ने अपनी दूसरी प्रतिक्रिया में ऑफशोर निवेश के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि हिंडनबर्ग को भारत में कानूनों के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया था।
हिंडनबर्ग के सवाल
हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच से जुड़े कई नए सवाल उठाए हैं। उन्होंने 25 फरवरी 2018 को भेजे गए एक ईमेल का हवाला दिया, जो बुच ने अपने पति के नाम से भेजा था। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि माधवी पुरी बुच ने सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में काम करते हुए अपने व्यक्तिगत ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया और इस प्रक्रिया में अपने पति के नाम का भी उपयोग किया।
हिंडनबर्ग ने सवाल उठाया कि आधिकारिक पद पर रहते हुए बुच ने अपने पति के नाम से और कौन-कौन से निवेश या बिजनेस किए हैं।
हिंडनबर्ग ने मॉरीशस फंड में निवेश की पुष्टि
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी प्रतिक्रिया में पुष्टि की है कि सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने बरमूडा/मॉरीशस फंड में निवेश किया था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इस फंड से जुड़े धन का गबन विनोद अडानी द्वारा किया गया था। हिंडनबर्ग ने बताया कि यह फंड बुच के पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अडानी के निदेशक भी थे।
हिंडनबर्ग ने स्क्रीनशॉट के साथ कहा है कि दो एडवाइजरी फर्मों में से एक का रेवेन्यू अभी भी आ रहा है, जबकि पहले दावा किया गया था कि वे निष्क्रिय हो चुकी हैं।