बदल गई कक्षा छह की एनसीईआरटी की पुस्तक, अब जो पढ़ेंगे बच्चे जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
नई दिल्ली : एनसीईआरटी ने अब सभी कक्षा की पुस्तकों को बदलने का फैसला लिया है। इसके लिए सभी कक्षा की नई किताबें छपवाई जा रही हैं। ये नई किताबें नई शिक्षा नीति के हिसाब से तैयार की जा रही हैं। पठ्यक्रम नेशनल सिलेबस एंड टीचिंग लर्निंग मटीरियल समिति तैयार कर दे रही है। इसी के हिसाब से नई किताबें छापी जा रही हैं। अभी कक्षा तीन और कक्षा छह की नई किताबों के छापने का काम चल रहा है। बाद में अन्य कक्षाओं की तरफ ध्यान दिया जाएगा। एनसीईआरटी की कक्षा छह की अंग्रेजी की जो बुक आई है उसका नाम है पूर्वी। पुरानी किताबों में विदेशी लेखकों की पोएम और स्टोरीज रहती थीं। लेकिन, अब नई किताब में ऐसा नहीं है। इसमें भारतीय लेखकों की पोएम और लेख को तरजीह दी गई है। भारतीय लेखकों की कहानियां भारतीय परिवेश पर आधारित हैं। इसमें भारतीय संस्कृति, परंपरा और ज्ञान पर ज्यादा जोर दिया गया है।
तब तक पढ़ाएं ब्रिज प्रोग्राम
एनसीईआरटी की कक्षा छह की सभी किताबों को नए सिरे से तैयार किया जाना है। मगर, अब तक सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी व उर्दू की किताबें ही मार्केट में छप कर आ पाई हैं। बाकी किताबें अब तक नहीं छप पाई हैं। कक्षा छह की मैथ्स, साइंस, सोशल साइंस की किताबें अब तक गायब हैं। स्कूलों से कहा गया है कि जब तक कक्षा की मैथ्स, साइंस और सोल साइंस की किताबें छप नहीं जातीं तब तक ब्रिज प्रोग्राम पढाएं। किताबों को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। लोगों का कहना है कि शिक्षा मंत्रालय क्या कर रहा है। जुलाई का महीना शुरू हो गया है। स्कूल खुल गए हैं। मगर, अब तक किताबें नहीं हैं। छात्र सिर्फ हिंदी, अंग्रेजी की ही किताब लेकर स्कूल जाएंगे। लोगों का कहना है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को इस लापरवाही का संज्ञान लेना चाहिए और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
नई किताबों में क्या हुए हैं बदलाव
-कक्षा छह की एनसीईआरटी की बुक में सुधा मूर्ति और एसआइ फारूकी जैसे भारतीय लेखकों की कहानियां शामिल की गई हैं।
-पुरानी किताब में आठ पोएम थीं। ये सभी पोएम विदेशी लेखकों की लिखी थीं।
-नई किताब में सिर्फ पांच विदेशी लेखकों की कविताएं हैं। बाकी सारी कहानियां और किताबें भारतीय लेखकों की लिखी हुई हैं।
-नई किताब में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती नाम का एक पाठ है। इसमें योग के बारे में जानकारी दी गई है।
-नई किताब में भारत शब्द का इस्तेमाल कई बार किया गया है। इसमें लिखा है कि भारत को बुद्धिमान व जांबाज लोगों की धरती कहा गया है।
—नई किताब में एक नर्चरिंग नेचर नामक पाठ है। इसके स्पाइसेज दैट हील अस नामक सेक्शन में में बताया गया है कि मसालों का प्रयोग सिर्फ खाने के लिए ही नहीं किया जा सकता बल्कि इसका उपयोग दवा बनाने में भी हो सकता है।
–इसमें एक दादी अपने नाती पोतों को एक पत्र लिखती है, जिसमें मसालों से क्या क्या फायदे हैं और कौन सी बीमारियां ठीक होती हैं इसके बारे में जानकारी दी गई है। इसमें विभिन्न प्रकार के मसालों से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी गई है।