जमशेदपुर : आज यानि 9 अक्तूबर, 2024 को महा सप्तमी मनाया जाएगा. महा सप्तमी में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. देवी मां की व्रत कथा पढ़ने मात्र से ही भक्तों का डर और भय दूर हो जाता है। मां कालरात्रि न्याय प्रिय देवी मणि जाती है। जब रक्तबीज नामक एक राक्षस का हाहाकार मचा था, देवी मां ने ही उसका विनाश किया था। रक्तबीज को वरदान था की उसके शरीर से गिरने वाले हर एक खून के बूँद से एक नया राक्षस उत्पन्न होगा। इसी कारण उस राक्षस की ताकत बढ़ती जा रही थी। तभी सभी देवी और देवताओं ने माता पारवती से प्रार्थना की ताकि वे उस राक्षस का विनाश करें। इसलिए देवी मां ने मा कालरात्रि का स्वरूप लेकर रक्तबीज को सबक सिखाया। इसलिए इस दिन मां कालरात्रि की पूजा पुजा की जाती है, ताकि सभी भक्तों पर उनकी कृपा दृष्टि बनी रहे।
पूजा विधि :
1) सप्तमी के दिन सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर खान कर ले और साफ़ कपड़े पहन ले। इसके बाद अपने ऊपर और पूजा स्थल में गंगाजल का छिड़काव कर लें। इससे आपके आस पास के स्थान की भी बुद्धि हो जेगी। इससे आपका पूजा में भी ध्यान बना रहेगा।
2) इसके बाद आसन में एक पीला कपड़ा बिछाकर उसपर मां कालरात्रि की तस्वीर रख दे या मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना कर दे, देवी मां का ध्यान करे और उनकी कृपा दृष्टि की प्रार्थना करें।
3) मां कालरात्रि के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और उनको लाल फूल अर्पित करें। उनको आप गुड़ का भी भोग लगा सकते हैं। इससे माता रानी आपसे प्रसन्न रहेंगी और आपकी सर्वदा रक्षा करेंगी।
4) माता रानी की आरती उतारने के बाद, उनके सामने बैठकर मां के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, इससे आपका मन शांत रहेगा और घर में सुख समृद्धि भी बढ़ेगी।
कैसे अपने दुश्मनों से पाए छुटकारा ?
शारदीय नवरात्रि के महा सप्तमी पर काले या लाल रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद मां कालरात्रि की पूजा करें। माता के समक्ष घी का दीप जलाकर और उनको गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद उनका ध्यान करते हुए नवार्ण मंत्र का 108 बार जाप करें। फिर एक एक लौंग उनको चढ़ते जाएं। उन 108 लौंग को एक साथ फिर अग्नि में डाल दे। उनसे प्रार्थना करें की वे आपके और आपके परिवार पर हमेशा कृपा दृष्टि बनाएं रखें और आपके दुश्मनों को आपसे दूर रखें।