नीट परीक्षा में कई परीक्षा केंद्रों पर नहीं थे सीसीटीवी कैमरे, पेपर स्ट्रांग रूम से गार्ड थे गायब
जमशेदपुर: परीक्षा को लेकर पूरे देश में हाय तौबा मची हुई है। इसी बीच नीट परीक्षा की एक और गड़बड़ी सामने आई है। शायद इसी गड़बड़ी के चलते नीट का पेपर लीक हुआ है। परीक्षा वाले दिन कई परीक्षा केंद्रों का थर्ड पार्टी सर्वे कराया गया था। इस सर्वे में पता चला है की कई परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए थे।
जबकि परीक्षा केंद्रों में दो सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने अनिवार्य थे। इन सीसीटीवी कैमरों का सर्वर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के हेड क्वार्टर पर था और वहां से विशेषज्ञ को हर एक परीक्षा केंद्र की निगरानी करनी थी। यही नहीं कई शहरों में नीट का क्वेश्चन पेपर रखने के लिए स्ट्रांग रूम बनाए गए थे। इन स्ट्रांग रूम में क्वेश्चन पेपर रखा गया था। लेकिन स्ट्रांग रूम के बाहर कोई गार्ड तैनात नहीं था। सूत्र बताते हैं की थर्ड पार्टी ने 5 मई को होने वाले नीट परीक्षा में लगभग 399 परीक्षा केंद्रों का जायजा लिया था। इनमें से 186 परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हुआ पाया गया। जबकि, सीसीटीवी कैमरा परीक्षा केंद्र पर लगाना अनिवार्य था। 68 परीक्षा केंद्रों के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम पर कोई गार्ड तैनात नहीं था। जबकि नियमानुसार के स्ट्रांग रूम के बाहर एक गार्ड को तैनात करना था।
विशेषज्ञों का मानना है कि गार्ड नहीं होने से इन्हीं में से किसी स्ट्रांग रूम से नीट का पेपर लीक हुआ होगा। इस सर्वे में पाया गया कि 83 परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक स्टाफ की जगह दूसरे स्टाफ की तैनाती की गई थी। गौरतलब है कि नीट की परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। नीट की परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। बिहार के एक स्कूल में नीट का जला हुआ पेपर मिला। इसके बाद, विशेषज्ञों के कान खड़े हुए और उन्होंने मामले को देखना शुरू किया। तो पता चला की 67 उम्मीदवारों को इस परीक्षा में 720 में से 720 अंक मिले हैं। यही नहीं कई उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले हैं। जो नीट परीक्षा के कैलकुलेशन के हिसाब से नहीं थे।
इसी के बाद मामला तूल पकड़ गया। एनटीए ने सफाई पेश की कि जिन उम्मीदवारों को 718 और 719 नंबर मिले इनको ग्रेस मार्क दिया गया है। बाद में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद ग्रेस मार्क पाने वाले परीक्षार्थियों की परीक्षा रद्द कर दी। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला की दाल में काला है। इस मामले में बिहार पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि मास्टरमाइंड का पता लगाया जाना अभी बाकी है।