मंगला गौरी व्रत से पाए मनचाहा जीवनसाथी। जाने तृतीय मंगला गौरी व्रत से जुड़ी कुछ विशेष बातें।
सावान के सोमवार भगवान शिव को समर्पित होते हैं और मंगलवार माता पार्वती यानि मां गौरी को समर्पित होते हैं। सावान के मंगलवार पर मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। मां मंगला गौरी देवी पार्वती का ही दूसरा रूप हैं। इन्हें मां दुर्गा का आठवां अवतार भी माना जाता है। यह व्रत ज्यादातर सुहागिन स्त्रियों द्वारा किया जाता है। आइए जानते हैं कि मां मंगला गौरी व्रत से जुड़ी कुछ विशेष जानकारियां।
तृतीय मंगला गौरी व्रत 2024: 6 अगस्त, 2024 यानी आज मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत का पालन किया जाएगा। इस दिन शिव जी और देवी पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही कुंवारी कन्या मनचाहा वर पाने के लिए भी इस व्रत को रखते है। माना जाता है कि इस दिन विधि अनुसार उपासना करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही दांपत्य जीवन परिपूर्ण रहता है।
मंगला गौरी पूजन का शुभ मुहूर्त:
तीसरा मंगला गौरी व्रत शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि यानी 6 अगस्त 2024 को किया जाएगा। पंचांग की अनुसार, शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि ब्रह्म मुहूर्त 04:21 से लेकर 5:03 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 53 मिनट तक रहनेवाला है।
जाने क्या है मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि:
* यह व्रत सावन के मंगलवार को किया जाता है। इस दिन सवेरे उठ कर स्नान कर लें और साफ कपड़े धारण कर लें।
* इसके बाद सूर्य देव को जल अवश्य चढ़ाएं।
* मंदिर को चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें।
* अभिषेक कर कुमकुम, अक्षत। फूल, फल, आदि अर्पित करें।
* दिया जलाकर आरती कर और पति की लंबी उम्र की कामना करें।
* व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। भगवान को निवेदन किया हुआ भोग लोगों में प्रसाद स्वरूप बाटे।
* इस दिन श्रद्धा से दान करना भी लाभदायक होता है।