जमशेदपुर: सनातन धर्म में भौम प्रदोष व्रत की बड़ी मान्यता होती है। हर महीने के शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि में प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन शिवजी के साथ साथ हनुमान जी की भी पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त पूजा आराधना में लीन होकर व्रत का भी पालन करते हैं। ऐसा माना जाता है की इस व्रत का पालन करने से कर्ज की दिक्कत दूर हो जाती है।
कब मनाया जाएगा भौम प्रदोष व्रत ?
पंचांग के अनुसार 15 अक्टूबर को भौम प्रदोष व्रत का पालन किया जाएगा। द्रिक पंचांग में कहा गया है कि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 15 अक्टूबर को सवेरे 03:42 बजे से होगी और 16 अक्टूबर की सवेरे 12:19 बजे तक रहेगा।
पूजा सामग्री
फल, फूल, मिठाई, चंदन, आक के फूल, बेलपत्र, धतूरा, कपूर, भांग, आरती की थाली, शुद्ध देसी घी समेत सारी सामग्री इकठ्ठा कर लें।
प्रदोष व्रत पूजन कब करें ?
पंचांग के अनुसार, 15 अक्टूबर को शाम 05:51 बजे से रात के 08:21 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दौरान भक्त प्रदोष काल की पूजा कर सकते हैं।
पूजा विधि :
1) इस दिन सवेरे जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहन लें । इसके बाद अपने ऊपर और पूजा स्थल में गंगाजल का छिड़काव कर लें।
2) शिवजी की परिवार सहित प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और शिवलिंग पर कच्चा दूध और जल डालें।
3) महादेव को फल , फूल, बेलपत्र, धतूरा और भांग आदि अर्पित करें और उनका ध्यान करें। शिव जी को ये चीज़ बहुत प्रिय होते हैं। इन सब से उनकी पूजा करने से वे प्रसन्न होंगे।
4) शाम के दौरान भी भगवान शिव की आराधना करे और मंदिर भी जाकर आएं। इससे आपके ऊपर आनेवाला सारा संकट टल जाएगा।