2030 तक बनेगा चाइल्ड मैरेज फ्री इंडिया
केंद्र सरकार ने साल 2030 तक चाइल्ड मैरेज फ्री इंडिया बनाने का एलान किया है। इसके तहत पूरे देश में जागरूकता अभियान चल रहा है। पूर्वी सिंहभूम जिले में भी यह अभियान चल रहा है। गुरुवार को सोनारी में आदर्श सेवा संस्थान की चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट के राकेश मिश्रा ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने लोगों से अपील की कि वह बाल विवाह रोकें।
उन्होंने कहा कि देश में अस्सी प्रतिशत लडकियों का बाल विवाह हो जाता है। इनमें से चालीस प्रतिशत लडकियां बाल विवाह का विरोध करती हैं। मगर, उनके साथ समाज नहीं खडा होता। राकेश मिश्रा ने लोगों से अपील की है कि वह ऐसी लडकियों के साथ खडे हों जो बाल विवाह नहीं करना चाहतीं। उनका साथ दें।
इस प्रेस कांफ्रेंस में धालभूमगढ के भादुआ गांव की रहने वाली संतोषी मुंडा को भी बुलाया गया था। संतोषी मुंडा का तकरीबन तीन साल पहले बाल विवाह हुआ था। संतोषी ने बताया कि उसका बाल विवाह मुसाबनी के एक युवक से कर दिया गया था। वह विरोध कर रही थी। कह रही थी कि वह आगे पढ़ना चाहती है। मगर उसकी एक नहीं सुनी गई। ससुराल में उस पर जुल्म होने लगा तो वह वहां से भाग कर मायके आ गई। मायके वाले भी संतोषी मुंडा को ससुराल भेजने का दबाव बना रहे थे। संतोषी की मां भी उसके ससुराल जाने का विरोध कर रही थी। बाद में संतोषी का सपोर्ट करने पर उसकी मां को भी प्रताड़ित किया जाने लगा।
संतोषी बताती है कि एक दिन उसकी मां को मारा पीटा गया कि वह संतोषी को ससुराल भेजने से क्यों मना कर रही है। इस पर संतोषी घर से भाग निकली। इसी बीच उसे पता चला कि आदर्श सेवा संस्थान की चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट के राकेश मिश्रा उनकी मदद कर सकते हैं। इसके बाद वह राकेश मिश्रा से मिली। राकेश मिश्रा ने उसके रहने और पढाई का इंतजाम कराया। आज संतोषी अपनी पढ़ाई कर रही है।