नई दिल्ली: हिंदू धर्म में तीज व्रत का विशेष महत्व है। हर साल तीन तीजें मनाई जाती हैं—हरियाली तीज, कजरी तीज, और हरतालिका तीज। ये तीजें महादेव और देवी पार्वती को समर्पित होती हैं, और इन व्रतों के माध्यम से जीवन में सुख, समृद्धि और वैवाहिक सौभाग्य की कामना की जाती है। इस साल कजरी तीज 22 अगस्त को मनाई जाएगी।
कजरी तीज का महत्व और पूजा विधि
कजरी तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख की कामना करती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिव और पार्वती की जोड़ी को आदर्श माना जाता है, और उनकी पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
कजरी तीज का शुभ मुहूर्त
कजरी तीज का व्रत 22 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। तृतीया तिथि 21 अगस्त 2024 को शाम 5 बजकर 6 मिनट पर प्रारंभ होगी और 22 अगस्त 2024 को दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अगस्त को सुबह 4 बजकर 26 मिनट से 5 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान, भक्तजन श्रद्धा पूर्वक पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
कजरी तीज की पूजा विधि
- इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा के लिए आवश्यक सामग्रियों को एकत्रित कर लें।
- एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र और धतूरा अर्पित करें, जबकि देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
- धूप और दीप से उनकी श्रद्धा पूर्वक पूजा-अर्चना करें।
- पूजा के अंत में तीज व्रत की कथा का पाठ करें।
इस विधि से पूजा करने पर भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में समृद्धि आती है।