रायबरेली की ज्योति मिश्रा ने कर दिया गजब, यूपीएससी के फेक सर्टिफिकेट के साथ गढ़ दी स्पेन में भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी बनने की कहानी
लखनऊ : विवादित आइएएस अधिकारी पूजा खेडकर की चर्चा के बीच रायबरेली की ज्योति मिश्रा की अजब-गजब कहानी सामने आई है। खुद को आइएएस बताने के लिए ज्योति मिश्रा ने फर्जी यूपीएससी सर्टिफिकेट बनवाने से लेकर लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी का फर्जी आईकार्ड तक बनवा लिया। अपने परिवार को धोखे में रखते हुए ज्योति मिश्रा ने अपने माता-पिता को बताया कि वह इंडियन फारेन सर्विस में अधिकारी बन गई है और इन दिनों मैड्रिड में तैनात है। वह तो पूजा खेडकर की कहानी सामने आने के बाद किसी ने यूपीएससी की उनकी बनाई हुई सूची डाल कर ज्योति मिश्रा के एससी कोटे से आइएएस बनने का मामला उठाते हुए जांच की मांग कर डाली। इस पर ज्योति मिश्रा ने जवाब दिया और वह इस मामले में फंसती चली गईं। बाद में पूरा मामला सामने आ गया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए ज्योति मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। पूरा मामला ज्योति मिश्रा के गले की फांस बन गया है। खुद को आइएएस अधिकारी बनाने की अफवाह न उगलते बन रही है और ना ही निगलते।
उड़ा दी थी यूपीएससी एक्जाम पास करने की अफवाह
ज्योति मिश्रा ने समाज और परिवार के बीच अपना रुतबा कायम करने के लिए खुद को आइएएस बनाने का झूठ बोला। उसने अपने माता-पिता को यह बताया कि वह आइएएस अधिकारी बन गई है। सबको बताया कि वह स्पेन में मैड्रिड में अधिकारी है। साल 2021 में जब यूपीएससी का रिजल्ट निकला तो एससी श्रेणी से आने वाली एक ज्योति रोल नंबर 843910 के साथ 432 वें रैंक पर थी। यहीं ज्योति मिश्रा ने खेल किया था और सूची के पीडीएफ के साथ छेड़छाड़ करते हुए इसी जगह ज्योति मिश्रा का नाम डाल कर खुद का रोल नंबर 5904317 दिखाया। रैंक 432 वीं ही दिखाई। अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में खुद के आइएएस बनने की अफवाह उड़ा दी थी। पीडीएफ से छेड़छाड़ वाली सूची ज्योति मिश्रा के पिता पुलिस सब इंस्पेक्टर सुरेश नारायण मिश्रा सोशल मीडया पर डाल दी थी।
ब्राम्हण के एससी कोटे से आइएएस बनने की उठाई आवाज तो खुला मामला
ज्योति मिश्रा के पिता ने जो सूची डाली थी, उस सूची को एक्स पर शेयर करने के बाद किसी ने इस पर कमेंट किया कि ज्योति मिश्रा ब्राम्हण हैं और उन्होंने एससी श्रेणी से आइएएस की परीक्षा कैसे पास कर ली। इस पर बवाल मच गया। ज्योति मिश्रा ने इसका जवाब दिया कि वह अलग ज्योति है जो आइएफएस में रहते हुए आइएएस पहुंची थी। इस पर ज्योति मिश्रा के पिता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ज्योति मिश्रा मैड्रिड में पोस्टेड है। रात 10 बजे के बाद उससे संपर्क किया जा सकता है। इस पर कुछ लोगों ने ज्योति मिश्रा को वाट्सएप काल की तो उसने एक्स पर अपनी पोस्ट का स्क्रीन शाट शेयर कर दिया। ज्योति ने जवाब दिया कि कुछ लोग उसे जाने अनजाने निशाना बना रहे हैं।
मैड्रिड में भारतीय दूतावास ने खोल दी पोल
उसने जवाब दिया कि जो ज्योति आइएएस में एससी कोटे से सफल हुई थी वह दूसरी है। वह हरियाणा की रहने वाली है। ज्योति ने खुद को दूसरी आइएएस सूची में होने की बात बताई। यहीं से ज्योति का सारा खेल खुल कर सामने आ गया। इस पर ज्योति के बयान की पुष्टि के लिए किसी ने मैड्रिड में भारतीय दूतावास के अधिकारी अमन चंद्रन से बात की। इस पर अमन चंद्रन ने बताया कि उनके दूतावास में ज्योति मिश्रा नाम की कोई महिला अधिकारी नहीं है। इसके बाद जब ज्योति मिश्रा से फिर बात की गई तो उनका सारा मामला सामने आ गया। तब ज्योति ने बताया कि एक्स के यूजर्स गलत कहानी फैला रहे हैं। ज्योति मिश्रा ने बताया कि उसने कभी कोई यूपीएससी परीक्षा पास नहीं की है।
दिल्ली में एक निजी कंपनी में थी अधिकारी
ज्योति मिश्रा एक निजी कंपनी में अधिकारी थी। यूपी के रायबरेली की रहने वाली ज्योति मिश्रा ने इंटर की बोर्ड परीक्षा में 96 फीसद अंक हासिल किए थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से अच्छे अंक से स्नातक की परीक्षा पास की थी। मगर, उसने फर्जी आइएएस बनने के लिए न केवल यूपीएससी का फर्जी सर्टिफिकेट बना लिया था। बल्कि, खुद को स्पेन में भारतीय दूतावास का अधिकारी बताने के लिए फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट तक बनवा लिया था।