फोर्ब्स इंडिया के पन्नों पर छायीं जमशेदपुर की गरिमा
* बिजनेस के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले अंडर 40 लोगों की कहानियों में मिली जगह
* लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मिला चुका है स्त्री शक्ति सम्मान पुरस्कार-2020
नयी दिल्ली :
तू कोमल है, कमजोर नहीं. तू सशक्त है अबला नहीं. चूड़ियों से भरे हाथ…अस्त्र उठाने से कांपते नहीं, बात जमीं पर चलने की हो या आसमान में उड़ने की, तू किसी से डरती नहीं…
ये पंक्तियां शहर की बेटी गरिमा मिश्रा पर फिट बैठती हैं. फोर्ब्स इंडिया के जुलाई एडिशन में इंडियन एयर फोर्स की पूर्व स्क्वॉड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) गरिमा मिश्रा की गौरव गाथा को प्रकाशित किया गया है. फोर्ब्स इंडिया के जुलाई एडिशन-40 अंडर 40 इंडिया 2024 में इन्हें जगह मिली है. इसमें बिजनेस के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सफल अंडर-40 लोगों की कहानी एवं उपलब्धियों को प्रकाशित किया गया है. मैगजीन के पेज-63 पर गरिमा मिश्रा की कहानी को आज पूरा विश्व पढ़ रहा है. गरिमा मिश्रा को लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं को सशक्त बनाने में किये गये प्रयास का सम्मान करते हुए स्त्री शक्ति सम्मान पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया गया है. मौजूदा समय में गरिमा एप्पल इंडिया रेडींटन ग्रुप की सेल्स हेड हैं. मानगो डिमना रोड निवासी स्व. आशुतोष शंकर मिश्रा एवं सुप्रिया मिश्रा की बेटी गरिमा को दूरदर्शी नेतृत्व और रणनीतिक व्यावसायिक पहलों में उन्हें 2024 में 100 प्रभावशाली व्यक्तित्वों में शीर्ष स्थान मिला है. जो उद्योग परिदृश्य पर उनके गहन प्रभाव को रेखांकित करता है.
फौज से लेकर कॉरपोरेट का सफर
वर्ष 2018 में जब इंडियन एयर फोर्स की पूर्व स्क्वॉड्रन लीडर गरिमा मिश्रा अपने 10 साल की सेवा से सेवानिवृत्त हुईं, तो उस समय फोर्स में लड़कियों के लिए जॉब एक्सटेंड करने का प्रावधान नहीं था. सेवानिवृत्त होकर इस पद की गरिमा को बनाये रखना उनके जीवन का दूसरा लक्ष्य था. युद्ध-क्षेत्र की रणनीतियों से लेकर बोर्डरूम की मीटिंग में प्रेजेंटेशन देना उनके लिए मुश्किल जरूर था, लेकिन उन्हें खुद को साबित करने का यह बेहतर अवसर लगा. जीआइएजीइओ में सीएसआर के पद को संभालते हुए जीवन को अलग रूप में देखने का मौका मिला. खाली समय में सड़क किनारे पल रहे बच्चों के जीवन को संवारने की छोटी सी कोशिश शुरू की, जिससे इन बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने की दिशा मिली.
स्ट्रीट के बच्चों को हाथों में थमाया पेंटिंग ब्रश
मुंबई में वर्ष 2018 में रहने के दौरान गरिमा ने रास्ते के किनारे पलने वाले बच्चों को जीवन की मुख्य धारा से जोड़ा. गरिमा ने जब उन्हें कूड़ा-कचरा चुनते देखा, तो उनके हाथों में पेंटिंग ब्रश थमाया. धीरे-धीरे बच्चों में पेंटिंग के प्रति रुचि जगायी. कटी-फटी, बेकार चीजों से आर्ट क्राफ्ट बनाना सिखाया. गरिमा बताती हैं कि पहले 2-4 बच्चे ही सीखने में रुचि लेते थे. कुछ छिप कर देखते थे, तो कुछ भाग जाते थे. धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ती गयी. सभी ने बेहतर आर्ट एंड क्राफ्ट बनाया. इन बच्चों की बनायी चीजों को सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब पसंद किया.