हिंदी में B.Tech की पढ़ाई कराएगा IIT जोधपुर, जानें कितनी आसान होगी स्टडी
जोधपुर : देश के आइआइटी कॉलेजों ने तीन साल पहले हिंदी माध्यम से इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने की बात कही थी। इस फैसले को आइआइटी जोधपुर ने धरातल पर उतार दिया है। इसके तहत प्रवेश का कोई नया तरीका नहीं अपनाया जाएगा। आइआइटी जोधपुर में प्रवेश का तरीका वही पुराना होगा। बस, फर्स्ट इयर में दाखिला लेने वाले स्टुडेंट्स से प्रवेश के बाद पूछा जाएगा कि वह अंग्रेजी माध्यम से स्टडी करना चाहते हैं या फिर हिंदी माध्यम से। छात्र अपनी पढ़ाई के लिए अंग्रेजी या हिंदी कोई भी माध्यम पसंद कर सकेंगे। इस महीने से जोधपुर में शुरू होने वाले नए बैच के लिए हिंदी माध्यम से भी पढ़ाई उपलब्ध होगी।
सभी प्रोग्राम के लिए उपलब्ध रहेगा आप्शन
हिंदी या अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का आप्शन सभी प्रोग्राम में उपलब्ध रहेगा। आइआइटी जोधपुर के निदेशक अविनाश कुमार अग्रवाल बताते हैं कि प्रवेश की प्रक्रिया सेम रहेगी। बस एकेडमिक साल की शुरुआत में ही छात्र से पूछा जाएगा कि वह किस माध्यम से पढ़ाई चाहते हैं। उनकी पसंद के माध्यम से उनकी पढ़ाई कराई जाएगी। छात्रों की पसंद के अनुसार बैच को दो सेक्शन में बांट दिया जाएगा। जो छात्र हिंदी में पढ़ाई करना चाहते हैं उनका सेक्शन अलग कर दिया जाएगा। जो छात्र अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करना चाहते हैं उनका अलग सेक्शन होगा।
अलग से नहीं तैनात होंगे, दोनों सेक्शन में पढ़ाएंगे सेम प्रोफेसर
आइआइटी जोधपुर के निदेशक अविनाश कुमार अग्रवाल बताते हैं कि हिंदी सेक्शन के लिए प्रोफेसर अलग से तैनात नहीं किए जाएंगे। जो प्रोफेसर अंग्रजी मीडियम वाले सेक्शन को पढ़ाएंगे वही प्रोफेसर हिंदी मीडियम वाले सेक्शन को पढ़ाएंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि कोई यह न सोचे कि इंग्लिश मीडियम वाले सेक्शन के प्रोफेसर अच्छे हैं और वहां पढ़ाई की गुणवत्ता अच्छी है। या, हिंदी सेक्शन के प्रोफेसर ठीक नहीं हैं और इसलिए हिंदी मीडियम वाले सेक्शन की पढ़ाई उतनी अच्छी नहीं है। ऐसा कोई न सोचे इसीलिए जो प्रोफेसर अंग्रेजी मीडियम वाले सेक्शन में पढ़ाएंगे उन्हीं को हिंदी मीडियम वाले सेक्शन में पढ़ाई की जिम्मेदारी दी गई है।
बीच में सेक्शन भी बदल सकते हैं छात्र
अगर किसी छात्र ने एकेडमिक सेशन शुरू होने से पहले हिंदी माध्यम का सेक्शन चुन लिया है और इसमें पढ़ाई शुरू कर दी है। अगर उसे लगता है कि उसका फैसला गलत था। उसे अंग्रेजी माध्यम वाले सेक्शन में ही पढ़ना था। तब छात्र अपना सेक्शन भी बदल सकता है। छात्र हिंदी सेक्शन से अंग्रेजी सेक्शन में स्विच कर सकता है। आइआइटी जोधपुर के निदेशक बताते हैं कि हिंदी माध्यम की पढ़ाई में भी कोर्स के शब्द अंग्रेजी में ही होंगे। इनका अनुवाद नहीं होगा। बस प्रोफेसर हिंदी में चीजों को समझाएंगे। हिंदी में कोर्स चलाने का मकसद है कि हिंदी माध्यम के छात्र भी विषय को अच्छे से समझें। स्टडी मटीरियल और एसाइनमेंट हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम में उपलब्ध कराए जाएंगे। छात्र अपनी मर्जी से इसे चुन सकते हैं।
इंग्लिश इंप्रूव करने के भी चलेंगे क्लास
आइआइटी जोधपुर में हिंदी माध्यम से पढ़ाई का फैसला डेढ़ महीने पहले लिया गया था। 26 जून को इंस्टीट्यूट की सीनेट की 38 वीं मीटिंग में इसे मंजूरी दी गई थी। बाद में बोर्ड ऑफ गवनर्स ने 28 जून को इसे मंजूरी दे दी थी। आइआइटी जोधपुर के निदेशक अविनाश कुमार अग्रवाल बताते हैं कि हिंदी माध्यम के छात्रों की इंग्लिश को इंप्रूव करने के लिए भी क्लास चलाए जाएंगे। इन क्लास में छात्रों को इस तरह प्रशिक्षित किया जाएगा कि वह इंग्लिश सुन कर समझ सकें और इसे बोल सकें। यही नहीं, वह आइआइटी की इंग्लिश में छपी किताबों को भी पढ़ सकें। छात्र पहले साल की पढ़ाई के अंत तक इंग्लिश के साथ कंफर्टेबल हो सकें और बाद में उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो। ऐसे छात्र अगर चाहें तो सेकेंड या थर्ड इयर में इंग्लिश सेक्शन को चुन सकते हैं।
इनोवेशन में आगे होंगे हिंदी के छात्र
आइआइटी जोधपुर के निदेशक अविनाश कुमार अग्रवाल बताते हैं कि हिंदी माध्यम से बीटेक करने वाले छात्रों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। मातृ भाषा में पढ़ाई करने से छात्र चीजों को आसानी से समझ सकेंगे। उनके कंसेप्ट अधिक क्लीयर होंगे। वह चीजों सीखने और समझने में काफी बेहतर होंगे। अंग्रेजी समझाने वाली क्लास में उनकी अंग्रेजी में कम्यूनिकेशन स्किल को भी सुधारा जाएगा।