अगर आप भी पहनते हैं रुद्राक्ष,तो भूलकर भी न करें ये काम.. हो सकता है अनर्थ
पुराणों में रुद्राक्ष और देवों के देव महादेव का एक अनोखा संबंध रहा है। शिव पूजा के दौरान कई भक्तगण इसे चढ़ाते भी हैं और इसे धारण भी करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि रुद्राक्ष भी कई प्रकार का होता है। और सबका अपना अलग महत्व होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, रुद्राक्ष से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें और साथ ही हम आपको इसके धारण करने का तरीका भी बताएंगे।
रुद्राक्ष का अर्थ है- रुद्र का अक्ष, ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई थी।
भक्त इसे आध्यात्मिक लाभ और ग्रह की शांति के लिए उपयोग करते हैं। कहा जाता है कि रुद्राक्ष हर कोई धारण नहीं कर सकता है। इसे धारण करने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1 से 14 मुखी तक होते हैं रुद्राक्ष
रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 14 मुखी तक होता है। हर एक रुद्राक्ष के अपने अलग-अलग फायदे होते हैं। पंच मुखी रुद्राक्ष सबसे आम और व्यापक रुप से मिलने वाला रुद्राक्ष है। जिसे भगवान शिव के साथ जुड़ाव के लिए काफी सम्मानित किया जाता है।
1 मुखी रुद्राक्ष: आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक विकास के लिए।
2 मुखी रुद्राक्ष: संबंधों में मेल-जोल और ध्यान में स्थिरता।
3 मुखी रुद्राक्ष: ब्रह्मा के शासन को प्रतिष्ठित करती है और सफलता प्राप्त करती है।
4 मुखी रुद्राक्ष: ध्यान में स्थिरता, आत्म-विश्वास और धार्मिक विकास के लिए।
5 मुखी रुद्राक्ष: संतान सुख, विवाह में सफलता और धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए।
6 मुखी रुद्राक्ष: शांति, सुख और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है।
7 मुखी रुद्राक्ष: सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की वृद्धि के लिए।
8 मुखी रुद्राक्ष: धन, समृद्धि, और यश के लिए।
9 मुखी रुद्राक्ष: संतान सुख, शांति और समृद्धि के लिए।
10 मुखी रुद्राक्ष: धन, संबल और यश के लिए प्रसिद्ध है।
11 मुखी रुद्राक्ष: आध्यात्मिक उद्दीपना, ध्यान और समाधान के लिए।
12 मुखी रुद्राक्ष: आध्यात्मिक उन्नति, संपत्ति और यश के लिए।
13 मुखी रुद्राक्ष: सुख, शांति, और स्वास्थ्य के लिए प्रसिद्ध है।
14 मुखी रुद्राक्ष: समृद्धि, धन, यश के लिए।
रुद्राक्ष पहन न करें ये काम
- रुद्राक्ष धारण करने वाले को अपने माता-पिता और गुरु का आदर सत्कार करना चाहिए। कभी भी उनके सामने अभद्रता नहीं करना चाहिए।
- रुद्राक्ष पहनने वाले को साफ सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
- जरूरतमंद की सेवा और मदद करनी चाहिए और दान करना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने से पहले अपने ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। कभी भी टूटे या खंडित रुद्राक्ष को धारण न करें। ऐसा रुद्राक्ष पहने जो पूरा गोल हो और जिसके दाने पूरे तरह से उभरे हुए हों।