विवादों में घिरी IAS पूजा खेडकर की मां किसानों को पिस्तौल दिखा कर धमकाने के मामले में गिरफ्तार
पुणे : संघ लोकसेवा आयोग में फर्जी सर्टिफिकेट दिखा कर सेलेक्शन के मामले में विवादों में घिरी आइएएस ऑफिसर पूजा खेडकर की मां पर कार्रवाई हुई है। पुलिस ने आइएएस ऑफिसर पूजा खेडकर की मां मनोरमा को रायगढ़ के महाड़ स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एक वायरल वीडियो के आधार पर मनोरमा के खिलाफ केस किया था। केस दर्ज होने के बाद से ही पूजा खेडकर की मां मनोरमा फरार हो गई थीं। उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन लाया गया है। यहां उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस उनसे उस पिस्टल के बारे में पूछताछ कर रही है, जिसे दिखा कर वह किसानों को धमका रही थीं।
वायरल वीडियो के आधार पर हुई कार्रवाई
मनोरमा का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वायरल वीडियो में वह एक पिस्टल लेकर किसानों को धमका रही थीं। यह वीडियो पुणे के मुलशी तालुका के धडावली गांव का था। यहां विवादित आइएएस पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने जमीन खरीदी थी। पूजा की मां इन जमीनों पर कब्जा करने धडावली गांव पहुंची थीं। घटना पिछले साल जून की बताई जा रही है। पूजा की मां मनोरमा के साथ बाउंसर भी थे। इसी मामले में जब वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने 13 जुलाई को मनोरमा और उनके पति समेत सात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पूजा के माता-पिता फरार हो गए थे। इन दोनों ने अपना मोबाइल फोल भी आफ कर लिया था। पुलिस ने इस केस में आर्म्स एक्ट को भी शामिल किया है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मनोरमा जिस पिस्टल से किसानों को धमका रही थी वह लाइसेंसी है या गैर लाइसेंसी। अगर यह पिस्टल लाइसेंसी है तो इसका लाइसेंस किसके नाम पर है। अगर यह गैर लाइसेंसी अवैध पिस्टल है तो यह मनोरमा के पास कैसे आया।
पूजा के पिता ने खरीदी थी 25 एकड़ जमीन
पूजा के पिता ने धडावली गांव में 25 एकड़ जमीन खरीदी थी। पूजा के परिवार के लोगों का कहना है कि उनकी जमीन पर किसानों ने कब्जा कर लिया था। वह अपनी जमीन वापस पाने के लिए ही बाउंसर लेकर वहां गई थीं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। मनोरमा का पति दिलीप खेडकर अब भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में छापामारी कर रही है। मनोरमा से भी उनके फरार पति के ठिकानों के बारे में जानकारी ली जा रही है। दिलीप खेडकर के खिलाफ नासिक डिवजीन से आय से अधिक संपत्ति का भी मामला दर्ज है। इसके खिलाफ भी जांच चल रही है।
आइएएस पूजा खेडकर के खिलाफ चल रही फर्जी सर्टिफिकेट की जांच
आइएएस ऑफिसर पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने दृष्टिहीनता का फर्जी सर्टिफिकेट लगा कर संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पाई है। इसके अलावा, ओबीसी की क्रीमी लेयर में होने के बावजूद अपनी आय के स्रोत छिपाते हुए आरक्षण का लाभ ले लिया है। इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा गठित टीम जांच कर रही है। टीम ने पूजा खेडकर के सर्टिफिकेट प्राप्त किए हैं। पुणे के डिप्टी कलेक्टर सुहास दिवासे ने इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से पूजा खेडकर की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद पूजा का ट्रांसफर वासिम कर दिया गया था। 16 जुलाई को केंद्र सरकार ने विवाद बढ़ने पर पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रोक दी थी और उन्हें मसूरी के ट्रेनिंग सेंटर वापस बुला लिया गया था।
क्या है पूजा खेडकर का विवाद
पूजा खेडकर जब आइएएस की परीक्षा पास कर चुकीं तो उनके दृष्टिहीनता की जांच होनी थी। एम्स से कई बार उन्हें बुलावा भेजा गया मगर वह नहीं आईं। बाद में वह आईं तो एमआरआई नहीं कराई। बाद में उन्होंने एक निजी अस्पताल का सर्टिफिकेट संघ लोकसेवा आयोग को भेजा था। पहले तो संघ लोकसेवा आयोग ने इस मामले में पूजा पर केस कर दिया। बाद में हैरतअंगेज तरीके से इस प्रमाण पत्र को स्वीकार कर लिया। लेकिन, जब मसूरी से पूजा खेडकर ट्रेनिंग के लिए पुणे भेजी गईं तो उन्होंने वीआइपी गाड़ी की मांग की। एक कार्यालय पर जबरन कब्जा कर अपना बोर्ड लगा दिया। इन सबके बाद ही उनके खिलाफ मुख्य सचिव से शिकायत की गई।