नई दिल्ली: सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी में फर्जी दावे करने वाले 45 कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की है। CCPA की जांच में सामने आया है कि कई संस्थानों ने विज्ञापनों में दावा किया था कि उन्होंने उम्मीदवारों को प्रीलिम्स, मेंस सहित पूरी परीक्षा की तैयारी कराई, जबकि वास्तव में उन्होंने केवल इंटरव्यू स्तर पर ही गाइडेंस प्रदान की थी।
CCPA ने इन संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं। इसमें प्रमुख संस्थान जैसे अनएकैडमी, StudyIQ IAS, वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टिट्यूट, विजन IAS, IQRA IAS, वाजीराम एंड रवि, Plutus IAS, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, Rau’s IAS Study Circle, एलन करियर इंस्टिट्यूट, BYJU’s IAS, ग्रेटर नोएडा इंस्टिट्यूशन ऑफ टेक्नॉलजी, NEXT IAS, नारायणा और Shankar IAS शामिल हैं।
ये संस्थान अपने विज्ञापनों में सत्यता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए CCPA द्वारा उठाए गए कदमों को गंभीरता से ले रहे हैं। CCPA का उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विज्ञापनों और दावों से बचाना है।
किस कोचिंग पर लगा कितना जुर्माना ?
सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने गुमराह करने वाले विज्ञापन देने के लिए 15 कोचिंग संस्थानों पर पेनाल्टी लगाई है। CCPA की चीफ कमिश्नर निधि खरे ने बताया की IQRA IAS पर 1लाख रूपए जुर्माना लगाया गया है। खान स्टडी ग्रुप आईएएस पर 5 लाख रूपए , चहल एकेडमी पर 1 लाख रूपए, Seekers Education पर 50हजार रूपए, Skyway Career Hub पर 10 हजार रूपए, BYJU’s IAS पर 10 लाख रूपए, Maluka IAS पर 3 लाख रूपए, EduTap Learning Solutions पर 3 लाख रूपए, Yojana और Plutus IAS पर 3 लाख रूपए और Sriram’s IAS पर 3 लाख रूपए का जुरमाना लगया गया है। इन संस्थानों ने जुर्माना चुका दिया है। इसके अलावा, Shankar IAS Academy पर 14 अगस्त को 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। Analog IAS Academy, APTI PLUS Academy, Unacademy, और Rau’s IAS Study Circle पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
निधि खरे ने बताया कि कुछ संस्थानों ने उच्च न्यायालयों और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) में अपील की है और अभी तक जुर्माना नहीं चुकाया है।
कैसे कोचिंग संस्था बच्चोंको बनाते है बेवक़ूफ़ ?
सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) की चीफ कमिश्नर निधि खरे ने खुलासा किया है कि कई आईएएस कोचिंग संस्थान छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। खरे ने बताया कि ये संस्थान अक्सर यह जानकारी नहीं देते कि सफल उम्मीदवारों ने उनके किस कोर्स का चयन किया था।
सालाना लगभग 11-13 लाख उम्मीदवार यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में बैठते हैं। इसमें से लगभग 10 हजार उम्मीदवार मेंस परीक्षा के लिए पात्र होते हैं। इनमें से करीब 3000 उम्मीदवार मेंस परीक्षा पास करते हैं। लेकिन, कोचिंग संस्थान आमतौर पर सिर्फ उन कैंडिडेट्स को ऑनलाइन या ऑफलाइन इंटरव्यू गाइडेंस पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो सफल हुए हैं। यह गाइडेंस अक्सर मुफ्त में दिया जाता है, क्योंकि संस्थान जानते हैं कि इनमें से हर तीसरे उम्मीदवार का फाइनल चयन हो सकता है।
खरे ने कहा, “अगर संस्थानों ने स्पष्ट रूप से बताया होता कि सफल उम्मीदवारों ने कौन सा कोर्स चुना, तो संभावित कैंडिडेट्स को गुमराह नहीं किया जाता। इससे वे अपने समय और पैसे को बचा सकते थे, जो उन्होंने एक साल भर की कोचिंग क्लास में लगाया।” निधि खरे यह बयान कोचिंग संस्थानों द्वारा की जा रही पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है और भविष्य में बेहतर उपभोक्ता जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करता है।