नई दिल्ली: डायबिटीज़, खासकर टाइप 1 डायबिटीज़, अक्सर जीन और जीवनशैली से जुड़ी होती है। लेकिन हाल की रिसर्च ने दिखाया है कि कुछ दिखने में सेहतमंद आहार भी बच्चों में इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से खाद्य पदार्थ संभावित जोखिम का कारण बन सकते हैं:
अनाज: ओट्स और राय
अनाज आमतौर पर उच्च फाइबर और ब्लड शुगर कंट्रोल करने के गुणों के लिए जाना जाता है। लेकिन फिनलैंड के अध्ययन में पाया गया कि जिन बच्चों की डायबिटीज़ जीनिक थी, उन्होंने ज्यादा राय और ओट्स खाए, तो उनमें आइसलेट ऑटोइम्यूनिटी का खतरा बढ़ गया। यह टाइप 1 डायबिटीज़ का एक पूर्व संकेत होता है।
गेहूं आधारित उत्पाद
हमारे बच्चों के आहार में गेहूं एक सामान्य घटक होता है, जैसे कि पास्ता और ब्रेड। हालांकि गेहूं में फाइबर और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं, लेकिन यह भी टाइप 1 डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ा सकता है। फिनलैंड के अध्ययन में पता चला कि जिन बच्चों ने ज्यादा गेहूं खाया, उनमें डायबिटीज़ का खतरा अधिक था। इसका कारण गेहूं में मौजूद कुछ प्रोटीन हो सकते हैं जो इम्यून रिस्पांस को ट्रिगर कर सकते हैं।
केले और अन्य नॉन-बेरी फल
फ्रूट्स आमतौर पर सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं, लेकिन सभी फल एक समान नहीं होते। केले को डायबिटीज़ के जोखिम से जोड़ा गया है, जबकि बेरीज जैसे ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से जोखिम कम होता है। इसका कारण हो सकता है कि केले में अधिक शुगर और पेस्टिसाइड्स होते हैं, जो स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं।
फरमेंटेड डेयरी उत्पाद
फरमेंटेड डेयरी उत्पाद, जैसे कि दही और कीफिर, को अक्सर प्रोटेक्टिव गुणों के लिए जाना जाता है। लेकिन अध्ययन ने दिखाया है कि इन उत्पादों का अधिक सेवन करने वाले बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। इसमें शायद कुछ प्रोटीन या बैक्टीरियल स्ट्रेन्स इम्यून सिस्टम पर असर डाल सकते हैं और ऑटोइम्यून रिस्पांस ट्रिगर कर सकते हैं।हालांकि बच्चों के लिए संतुलित आहार जरूरी है, लेकिन इन खाद्य पदार्थों के प्रभाव को समझना भी महत्वपूर्ण है। पूरा अनाज, गेहूं उत्पाद, केले, और फरमेंटेड डेयरी, इन सभी का सेवन करते समय सावधानी बरतना चाहिए, खासकर यदि बच्चे को डायबिटीज़ जीनिक हो। स्वस्थ आहार के लिए सही जानकारी और विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा फायदेमंद होता है।