नई दिल्ली: भारत में ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले हर कर्मचारी को एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी ईपीएफओ लाभ देता है। इसमें कर्मचारियों को इंश्योरेंस, प्रोविडेंट फंड और पेंशन देने के प्रावधान है। इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही अपना कंट्रीब्यूशन करते है। यह एक सरकारी संस्था है। हर एक एम्पलाई जो संगठित क्षेत्र में काम करता है उसका ईपीएफओ में खाता होता है। इसमें कर्मचारियों की सैलरी का 12 प्रतिशत हिस्सा जम्मा होता है।
इतना ही कंट्रीब्यूशन कर्मचारी के नियोक्ता द्वारा किया जाता है। नियोक्ता का कंट्रीब्यूशन दो हिस्सों में जाता है। पहले हिस्से में 8.33 हिस्सा एम्पलाइज पेंशन स्कीम यानि के पेंशन फण्ड में जमा होता है। दूसरे हिस्से में 3.67 हिस्सा एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड मतलब ईपीएफ में जमा होता है। कर्मचारी के रिटायरमेंट के वक्त ईपीएफओ द्वारा पेंशन दी जाती है।
कर्मचारियों को मिलती है 6 तरह की पेंशन
साल 1995 में ईपीएफओ ने EPS यानी एम्पलाइज पेंशन स्कीम लांच की थी। सभी कर्मचारी जो संगठित क्षेत्र में काम करते हैं उन्हें इसका लाभ मिलता है। इस पेंशन का लाभ उठाने के लिए आपको किसी कंपनी में काम करते हुए 10 साल पूरे होने चाहिए या फिर आपकी उम्र 58 साल पूरी होना जरूरी है। कर्मचारियों को ईपीएफओ में कुल 6 तरह के पेंशन मिलती है।
अर्ली पेंशन
अगर 10 साल से ज्यादा कोई कर्मचारी नौकरी कर चुका होता है। लेकिन उसमें 58 साल के उम्र के पहले ही रिटायरमेंट ले लिया है या उसे आगे काम करने मन नहीं होता है। तब अर्ली पेंशन के तहत उसे लाभ दिया जाता है।
सुपरन्युएशन पेंशन
अगर 10 साल से ज्यादा कोई कर्मचारी संगठित क्षेत्र में काम कर चुका है। उसने रिटायरमेंट भी 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद ली है। तब उसे सुपरन्युएशन पेंशन का लाभ मिलता है।
विकलांगता पेंशन
EPS95 के नियमों के अनुसार किसी संस्थान में काम करने के दौरान अगर कोई व्यक्ति स्थाई रूप से विकलांग या फिर पूरी तरह से विकलांग हो जाता है। तब ईपीएफओ के द्वारा उस व्यक्ति को विकलांगता पेंशन का लाभ दिया जाता है।
अनाथ पेंशन
अगर किसी ईपीएफओ सदस्य और उसके जीवन साथी की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में जब जब बच्चों के माता-पिता दोनों ही नहीं रहते हैं। तब अनाथ पेंशन के तहत ईपीएफओ बच्चों को मंथली पेंशन देता है।
विडो और चिल्ड्रन पेंशन
अगर किसी ईपीएफओ खाताधारक की असामयिक मृत्यु हो जाती है। तब ईपीएफओ उसके पार्टनर की वित्तीय सहायता करती है। ईपीएफओ खाताधारक के पार्टनर को मंथली पेंशन दी जाती है। EPS95 के नियमों के तहत 25 साल की उम्र तक दो बच्चों पेंशन दी जाती है। इससे उनकी पढ़ाई और परवरिश अच्छे से हो पाती है ।
नॉमिनी पेंशन
अगर किसी ईपीएफओ सदस्य की पत्नी या बच्चे नहीं होते हैं। तब फिर वह जिसे नॉमिनी बनाता है उसे पेंशन दी जाती है। जैसे कि अगर उसने अपने माता पिता को नॉमिनी बनाया है। तब उसके माता पिता दोनों को ही आधी आधी पेंशन दी जाती है। अगर किसी एक को नॉमिनी बनाया जाता है। तब उस एक व्यक्ति को पूरी पेंशन दी जाती है।